Digvijaya Singh on PM Modi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 27 दिसंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा की। यह ब्लैक एंड व्हाइट फोटो 1990 के दशक की है, जिसमें युवा नरेंद्र मोदी आडवाणी के पास फर्श पर बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि आडवाणी कुर्सी पर हैं।
Digvijaya Singh on PM Modi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1990 के दशक की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर साझा की है, जिसमें युवा मोदी भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के पास जमीन पर बैठे नजर आ रहे हैं। इस पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा छेड़ दी है।
https://twitter.com/digvijaya_28/status/2004769895092027472
तस्वीर में क्या है खास?
PM Modi Old Photo: तस्वीर 1996 की बताई जा रही है, जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान खींची गई थी। इसमें आडवाणी कुर्सी पर बैठे हैं, जबकि नरेंद्र मोदी (तब भाजपा के संगठन नेता) उनके पास फर्श पर बैठे दिख रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने यह तस्वीर क्वोरा से स्क्रीनशॉट लेकर एक्स पर शेयर की।
दिग्विजय सिंह ने क्या लिखा?
पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने लिखा, “मुझे यह तस्वीर Quora साइट पर मिली। यह बहुत प्रभावशाली है। जिस तरह RSS के जमीनी स्तर के स्वयंसेवक और जनसंघ (@BJP4India) के कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में बैठकर राज्य के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बनते हैं, यही इस संगठन की ताकत है। जय सिया राम।”उन्होंने इस पोस्ट में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक से पहले पोस्ट की टाइमिंग
यह पोस्ट कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक शुरू होने से ठीक पहले आई, जिससे कई लोग इसे कांग्रेस नेतृत्व के लिए अप्रत्यक्ष संदेश मान रहे हैं। बैठक में दिग्विजय सिंह ने पार्टी संगठन में विकेंद्रीकरण और सुधार की जरूरत पर जोर दिया।
विवाद पर सफाई
पोस्ट पर भाजपा ने तंज कसा और कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। विवाद बढ़ने पर दिग्विजय सिंह ने सफाई दी कि वे RSS और मोदी की विचारधारा के घोर विरोधी हैं, लेकिन संगठनात्मक शक्ति की सराहना की है। उन्होंने कहा, “मैं संगठन का पक्षधर हूं, लेकिन RSS और पीएम मोदी का विरोधी था, हूं और रहूंगा।” राजनीतिक विश्लेषक इसे कांग्रेस में आंतरिक असंतोष का संकेत बता रहे हैं, जबकि भाजपा इसे ‘सेल्फ गोल’ करार दे रही है।
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