Dhanush’s Idli Kadai or SRK’s Swades: क्यों हो रही इडली कढ़ाई की तुलना शाहरुख की स्वदेश से?

Dhanush’s Idli Kadai or SRK’s Swades

Dhanush’s Idli Kadai or SRK’s Swades: हाल ही में धनुष ने तमिल सिनेमा को एक शानदार तोहफा दिया। उनके द्वारा लिखी, अभिनय की गई और निर्देशित फिल्म इडली कढ़ाई को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। इस फिल्म को दर्शकों ने तमिल संस्कृति से जुड़ी फिल्म बताकर धनुष की खूब प्रशंसा की। इस फिल्म की कहानी को बहुत ही साधारण लेकिन दिल को छू जाने वाली बताया जा रहा है।

Dhanush’s Idli Kadai or SRK’s Swades
Dhanush’s Idli Kadai or SRK’s Swades

क्या है फ़िल्म Idli kadai की कहानी?

फिल्म की कहानी शुरू होती है एक छोटे से कस्बे में जहां धनुष का किरदार अपने परिवार के साथ रहता है, लेकिन उसके सपने बड़े होते हैं। इसलिए वह अपने कस्बे को छोड़कर महानगर में अपने सपने जीने चला जाता है। लेकिन उसे महानगर की जिंदगी रास नहीं आती है और वह वापस अपने कस्बे आ जाता है। यहाँ वह अपनी पारंपरिक इडली की दुकान पर काम करना शुरू कर देता है। वापस आने के बाद वह अपने कस्बे वालों, अपने परिवार वालों के लिए कुछ अच्छा करना चाहता है। इडली कढ़ाई इसी संघर्ष की कहानी है। यह कहानी लोगों को अपनी जड़ों की ओर लौटने की का संकेत देती है।

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फिल्म का पूरा माहौल बहुत स्थानीय दिखाया गया है। यह बिल्कुल आम तमिल कस्बे जैसा दिखता है, उन लोगों की दिनचर्या, आसपास का माहौल ,बातचीत करने का तरीका सब कुछ बेहद प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया है। जिससे मूल रूप से तमिल दर्शक इस फिल्म से बेहद करीब से जुड़ गए हैं और वह इस फिल्म की बहुत तारीफ कर रहे हैं। अब जब यह फिल्म OTT पर रिलीज हो गई है तो इसे अन्य भाषाओं के दर्शकों का भी भरपूर प्यार मिल रहा है और इसे तमिल सिनेमा की “स्वदेश” भी बताया जा रहा है।

क्यूं हो रही शाहरुख की स्वदेश से इडली कढ़ाई की तुलना

जब से इडली कढ़ाई OTT पर आई है, तब से एक ही चर्चा जोर शोर से चल रही है और वह यह है कि धनुष ने तमिल सिनेमा को स्वदेश जैसी फिल्म दे दी है। यह चर्चा चलना स्वाभाविक भी है। जैसे कि फिल्म स्वदेश में नायक विदेश से अपने गांव वापस आकर उसकी समस्याओं को सुलझाता है। ठीक उसी तरह से इडली कढ़ाई में भी नायक का किरदार बड़े शहर की जिंदगी छोड़कर छोटे कस्बे को चुनता है।

हालांकि इसे स्वदेश की नक़ल जैसा कहना गलत होगा। लेकिन फिल्म को जिस तरह से प्रस्तुत किया गया है उसने तमिल संस्कृति की झलक बखूबी दिखाई है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ने छोटे कस्बे के शांत और लुभावने दृश्यों को बखूबी कैप्चर किया है। वहीं फिल्म का म्यूजिक और डायलॉग भी फिल्म की क्वालिटी को बढ़ाते नजर आते हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म ओटीटी पर दर्शकों को खूब पसंद आ रही है।

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