Devuthani Ekadashi Fasting Recipe : एकादशी उपवास में सोंधे-सोंधे शकरकंदी बनाने की विधि

Devuthani Ekadashi Fasting Recipe : एकादशी उपवास में सोंधे-सोंधे शकरकंदी बनाने की विधि-देव उठानी एकादशी जिसे हम छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं ,हिन्दू त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार मन जाता है। इस दिन चतुर्यमास समाप्त होता है और भगवान विष्णु लम्बी निद्रा के बाद आज के ही दिन जागरण करते हैं। मान्यता है की भगवन के जागरण के पश्चात ही शादी – विवाह , कर्णभेदन ,जैसे शुभ कार्य प्रारम्भ होते हैं जो देवशयनी एकादशी तक अनवरत चलते हैं और देवशयनी एकादशी को भगवन पुनः विश्राम में चले जाते हैं। इस दिन लोग भवाल को जगाने दिनभर उपवास करते हैं और दिन में तुलसी जी व शालिग्राम जी का विवाह कराते हैं और रात्रि को बड़ी धूमधाम से दीपजलाकर लक्ष्मी – व भगवान विष्णु का पूजन करते इस दिन मौसमी फल और सब्जियों व अनाज का भोग लगाया जाता है जिसमें सकला यानि शकरकंदी के व्यंजन विशेष रूप से बनाए जाते हैं जैसे शकरकंदी की खीर , पेड़ा, पुआ ,गुलगुला और सोंधे सकला। सोंधे सकला बुंदेलखंड का एकादशी विशेष फलाहार है जो देवउठनी यानि प्रबोधनी एकादशी पर ज़रूर बनाया – खाया और प्रसाद में बांटा जाता हैं। यह खाने में बेहद स्वादिष्ट , स्वास्थ के लिए बेहद फायदेमंद और बनाने में बहुत ही सरल है आइए जानें कैसे बनाते हैं सोंधे सकला।

सोंधे सकला बनाने के लिए आवश्यक साम्रगी

सकला यानि शकरकंदी – 1 केजी,शुद्ध गाय का घी – 1 चम्मच , मीडियम साइज का कुकर ,

सोंधे सकला बनाने की आसान विधि

सबसे पहले शकरकंदी अच्छी तरह रगड़ कर दो से पांच पानी से धो लीजिए। ध्यान रहे सकला में जय भी मिटटी का अंश न हो वार्ना सकला किसकिसा होने पर सारा स्वाद किरकिरा हो जाएगा। फिर सरे साकलों को अच्छी तरह सूखे मोठे कपड़े से पोंछ लीजिए फिर कुकर को बिलकुल धीमी आंच पर गैस चूल्हे पर चढ़ा दीजिए और उसमें गाय का शुद्ध घी ,खुशबु आने तक गर्म होने दीजिए। तबतक शकरकंदी के बड़े और मोटे गोल – गोल पीस काट लीजिए। जब शुद्ध घी की तेज़ सोंधी खुशबू आने लगे तो सारी शकरकंदी कुकर में डालकर ढक्कन लगा कर अच्छी तरह हिलाइए की घी अच्छी तरह सकलों में लग जाएं ,ध्यान रहे की आंच बिलकुल धीमी रहे वर्ण सकला बिना पके जलने लगेंगे। अब कुकर वापस गैस पर चढ़ा कर ,उसका प्रेशर निकाल दें और जहां सिटी लगाते हैं वहां मोटा गीला टावल रख दें। ऐंसा करने से सकले हार्ड नहीं होंगे। बीच-बीच में कुकर हिलाते रहें ताकि सकला हर तरफ से अच्छा पक जाए ,जब तेज़ खुशबू आने लगे तो कुकर की गैस बंद कर दे और कुकर का ढक्कन ठंडा होने पर ही खोलें इससे इससे इनकी सॉफ्टनेस ,फ्रिगरेन्स और सोंधापन बरकरार रहेगा। लीजिए सोंधी शकरकंदी तैयार है ठंडा होने पर भगवान का भोग लगाएं और सपरिवार व्रत का पारण करें।

शकरकंद (सकला) खाने के फायदे

शकरकंद एक अत्यंत पौष्टिक और ऊर्जादायक कंद है, जो सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन और खनिजों की भरपूर मात्रा होती है।

सकला खानें के मुख्य स्वास्थ्य लाभ

ऊर्जा बढ़ाने वाला – इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।

पाचन के लिए फायदेमंद – उच्च फाइबर कंटेंट कब्ज की समस्या को दूर करता है और आंतों के स्वास्थ्य में सुधार करता है।

विटामिन A का समृद्ध स्रोत – इसमें बीटा-कैरोटीन होता है जो शरीर में विटामिन A में परिवर्तित होकर आंखों की रोशनी बढ़ाता है।

ब्लड शुगर नियंत्रण में सहायक – शकरकंद में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयोगी है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है – इसमें विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।

त्वचा और बालों के लिए लाभदायक – इसमें मौजूद विटामिन A, C और E त्वचा को निखारते हैं और बालों की जड़ों को मजबूत करते हैं।

हृदय के लिए अच्छा – इसमें पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है और हृदय को स्वस्थ रखता है

शकरकंद में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व (Per 100g Raw Sweet Potato)

पोषक तत्व मात्रा लाभ

कैलोरी – 86 kcal शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है
कार्बोहाइड्रेट – 20.1g मुख्य ऊर्जा स्रोत
प्रोटीन- 1.6 g मांसपेशियों के लिए आवश्यक
वसा (Fat) – 0.1g बहुत कम वसा हेल्दी स्नैक
फाइबर – 3.0g पाचन में सहायक
शुगर – 4.2g प्राकृतिक मिठास
कैल्शियम – 30 mg हड्डियों के लिए
आयरन -0.6 mg रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है
पोटेशियम – 337 mg ब्लड प्रेशर नियंत्रण
विटामिन -A 14187 IU आंखों के लिए
विटामिन -C 2.4 mg रोग प्रतिरोधक क्षमता
विटामिन -B6 0.2 mg मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए

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