Demand to extend the last date for paddy support price registration: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में किसान संगठनों ने खाद संकट और धान समर्थन मूल्य पंजीकरण की समस्याओं को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के सदस्य किसान सुब्रत मणि त्रिपाठी ने कृषि उपज मंडी करहिया परिसर में पहुंचकर पंजीकरण और खाद के लिए लंबी कतारों में खड़े किसानों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पंजीकरण की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर निर्धारित है, लेकिन किसान लगातार खाद की कमी से जूझ रहे हैं, जिसके कारण वे पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे।
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सुब्रत ने कहा, “किसान खाद संकट से परेशान हैं और पंजीकरण के लिए भी प्रयासरत हैं। ऐसे में सभी धान उत्पादक किसानों का पंजीकरण समय पर हो पाएगा, यह सोचनीय है। इसलिए पंजीकरण की तिथि बढ़ाई जाए। “सुब्रत ने विशेष रूप से 3 से 5 अक्टूबर 2025 तक आधार सर्विस बंद होने के कारण हुए नुकसान का जिक्र किया, जिससे कई किसान पंजीकरण से वंचित रह गए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की कि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया जाए ताकि किसान अपनी उपज का उचित मूल्य (एमएसपी ₹2321 प्रति क्विंटल ग्रेड-ए धान के लिए) सुनिश्चित कर सकें।
जिला प्रशासन के अनुसार, रीवा में 123 खरीदी केंद्रों पर उपार्जन 2 दिसंबर से शुरू होगा, लेकिन पंजीकरण में देरी से किसान प्रभावित हो रहे हैं। इसी क्रम में, खाद संकट ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। मंडी पहुंचे किसानों ने बताया कि पहले लंबी लाइनें लगी रहती थीं, लेकिन अब डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) और एनपीके खाद की आपूर्ति पूरी तरह बंद हो गई है, जबकि केवल यूरिया उपलब्ध हो रही है।
एक किसान ने कहा, “हमें यूरिया तो मिल रही है, लेकिन फसल के लिए डीएपी-एनपीके जरूरी हैं, जो कहीं नहीं मिल रही।” सुब्रत ने इसकी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जिला कलेक्टर से मांग की कि किसानों को यूरिया के साथ डीएपी व एनपीके खाद उपलब्ध कराई जाए। यदि स्टॉक नहीं है तो तत्काल मंगवाई जाए।