Delhi Heavy Rainfall Red Alert News, Delhi Flood, Yamuna Water Level Danger Zone: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार से लगातार हो रही भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी का वाटर लेवल खतरे के निशान को पार कर 207.48 मीटर तक पहुंच गया है, जो पिछले 63 वर्षों में तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है।
अब इससे दिल्ली के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसके चलते हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्य में दिन-रात जुटी हुई हैं।
NDRF और प्रशासन का राहत कार्य
दिल्ली प्रशासन ने अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। NDRF की 16 टीमें बुराड़ी, मयूर विहार, यमुना खादर, और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य में जुटी हैं।
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बुराड़ी में फंसे किसानों को नावों के जरिए सुरक्षित निकाला गया, और लगभग 50-60 लोगों को उनके सामान और पशुओं सहित बचाया गया।
38 राहत शिविरों में 7,500 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है, जहां भोजन और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सिविल लाइन्स में दुकानदारों ने अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया है।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट | Delhi Heavy Rainfall Red Alert
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली के उत्तर-पूर्व, पूर्व, मध्य, और दक्षिणी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि बाकी क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट है। 2 से 4 सितंबर तक दिल्ली में हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें जारी रहने की संभावना है।
इस बीच, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में भी भारी बारिश ने तबाही मचाई है, जिससे यमुना और अन्य नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है।
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यमुना नदी का जलस्तर अपडेट | Yamuna Current Water Level Update
Central Water Commission(CWC) के लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, 4 सितंबर 2025 को सुबह 8 बजे यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज (Old Railway Bridge) पर 207.47 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान (205.33 मीटर) से लगभग 2.14 मीटर ऊपर है और निकासी स्तर (206 मीटर) से भी अधिक है।
जलस्तर सुबह 6 से 7 बजे के बीच 207.48 मीटर पर स्थिर था, लेकिन सुबह 8 बजे यह थोड़ा कम होकर 207.47 मीटर पर आ गया। अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर अब धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है, हालांकि यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।