रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO समिट में आतंकवाद पर दिया कड़ा संदेश: “आतंक के ठिकाने अब सुरक्षित नहीं”

Rajnath Singh SEO Meeting: चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस रुख को मजबूती से दोहराया। (SCO Summit 2025) इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे, और राजनाथ ने बिना किसी संकोच के सीमा पार आतंकवाद को लेकर कड़ा बयान दिया।

राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत ने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं। हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे।” (Rajnath Singh on Terrorism) उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसे पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा की प्रॉक्सी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने अंजाम दिया था। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसके तहत सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया गया। (Operation Sindoor)

उन्होंने जोर देकर कहा कि कुछ देश आतंकवाद को अपनी नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं। ऐसे देशों की आलोचना में SCO को संकोच नहीं करना चाहिए। (Cross-Border Terrorism) राजनाथ ने यह भी कहा कि आतंकवाद और शांति एक साथ नहीं रह सकते। उन्होंने SCO के सदस्य देशों से आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करने और इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की। (SCO Condemn Terrorism)

रक्षा मंत्री ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई पर जोर देते हुए कहा, “आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, जो राष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान नहीं करता। इसके खिलाफ एकजुट और सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है।” (Global Terrorism Threat) उन्होंने SCO के रीजनल एंटी-टेररिज्म स्ट्रक्चर (RATS) की सराहना की, जो आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को बढ़ावा देता है। साथ ही, उन्होंने बेलारूस को SCO का नया सदस्य बनने पर बधाई दी। (Belarus SCO Membership)

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि वैश्वीकरण की गति कम होने और बहुपक्षीय व्यवस्थाओं के कमजोर पड़ने से शांति और सुरक्षा जैसे मुद्दों को हल करना कठिन हो गया है। (Weakening Multilateral Systems) उन्होंने SCO देशों से आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना किया जा सके।

इस बैठक में राजनाथ सिंह ने चीन और रूस के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। (India-China Relations) उनके बयान ने न केवल भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को रेखांकित किया, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर भारत की मजबूत स्थिति को भी प्रदर्शित किया।

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