Defamation Suit Meaning In Hindi / Manhani Kya Hota Hindi Mei / CRPC Dhara 499 / Elvish Drug Case News : हाल ही में रेव पार्टी केस में सांपो की तस्करी में एल्विश यादव का नाम आया है, अब इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी एल्विश यादव पर आरोप लगाया कि इसमें उनका पूरा सहयोग है. अब एल्विश ने अपनी सफाई में कहा कि मै उन पर मानहानि का केस दायर करूँगा। लेकिन मानहानि क्या है? हम इसकी पूरी चर्चा विस्तार से करेंगे।
मानहानि क्या होता है? / Defamation Suit Meaning In Hindi
मानहानि दो शब्दों से मिलकर बना है. जिसमें मान का अर्थ ‘सम्मान’ और हानि का अर्थ है उस सम्मान को ‘नुकसान’.आईपीसी की “धारा 499” के अनुसार किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसके मान-सम्मान के खिलाफ कुछ छपवाना मानहानि माना जाता है.
यह दो प्रकार की होती है, एक लिखित दूसरा मौखिक। यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के विरुद्ध प्रकाशित या लिखित रूप में आरोप लगाता है या उसका अपमान करता है तो ये लिखित या ‘अपलेख’ कहलाता है.
दूसरा ये कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध अपमानजनक कथन या भाषण करता है तो उस पर भी मानहानि का केस दर्ज कराया जा सकता है. यह मौखिक या ‘अपवचन’ में आता है.
मानहानि को कानूनी भाषा में जानिए / Defamation Law In Hindi
मानहानि एक क़ानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत आता है. भारत में किसी के सम्मान को गलत इरादे से भंग करने के खिलाफ कानून बनाया गया है. बता दें की इंडियन पीनल कोड यानी ‘भारतीय दंड संहिता की धारा’ 499 और 500 में व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा के प्रावधान हैं. “आईपीसी की धारा” 499 के अनुसार, किसी के खिलाफ दुष्प्रचार करना, झूठी बात फैलाना, उसके मान-सम्मान के खिलाफ कुछ लिखना, छापना मानहानि माना जाता है.
Defamation Suit Meaning In Hindi / Manhani Kya Hota Hindi Mei
मानहानि के लिए क्या कार्रवाई की जाती है?
मानहानि की कानूनी मामले में कार्रवाई की जाती है. इसके तहत भारत का कोई नागरिक जिसकी प्रतिष्ठा या मान-सम्मान को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हानि पहुंचाई गई हो वो CR.P.C. की धारा 499 के अंतर्गत उस व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर कर सकता है. आपको बता दें मानहानि का मुकदमा केवल एक व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि इसमें शामिल अन्य व्यक्तियों या समूह पर भी दायर किया जा सकता है.
यही नहीं देश का कानून ये भी हक देता है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम ख़राब करने की साजिश में उस व्यक्ति या उसके व्यवसाय को कुछ क्षति या हानि हुई है तो वह व्यक्ति हर्जाने के लिए कोर्ट में अलग से भी केस दायर कर सकता है.
मानहानि की शिकायत कैसे की जाती है?
मानहानि का मुकदमा करने के लिए सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि इसकी प्रक्रिया क्या होती है? यह कैसे किया जाता है?आपको बता दें कि मानहानि के केस में शिकायत करने के लिए शिकायतकर्ता को मानहानि करने वाले के खिलाफ वकील के माध्यम से मानहानि संबंधी सभी दस्तावेजों और सबूतों के साथ कोर्ट में लिखित शिकायत दर्ज करनी होती है.
कोर्ट इसे आगे बढ़ाते हुए शिकायतकर्ता के बयान को दर्ज करता है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत एक या दो अन्य गवाहों के बयान भी दर्ज करती है. इन बयानों के आधार पर शिकायत सही पाए जाने पर मुकदमा दर्ज होता है और कोर्ट आरोपियों को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी करता है.
Defamation Suit Meaning In Hindi
मानहानि के मुकदमे की फीस क्या है?
सवाल यह उठता है कि मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए क्या फीस होती है? बता दें कि इसके लिए कोई भारी-भरकम रकम नहीं, बल्कि छोटी-सी राशि देनी होती है. मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग- अलग फीस निर्धारित है. वहीं, मुकदमे के साथ यदि आप हर्जाने की मांग करते हैं तो इसके लिए 5%से 7%अलग से फीस देनी होती है.
दोषी पाए जाने पर क्या सजा मिलती है?
मानहानि कि सजा का प्रावधान सीआरपीसी की धारा 500 में तय है. इसके तहत मानहानि के लिए दोषी पाए गए व्यक्ति को दो साल के कारावास अथवा जुर्माना या दोनों की सजा भुगतनी पड़ती है. इसके तहत आप अपने अनुसार, मानहानि की राशि क्लेम कर सकते हैं.
आपको अपने मन अनुसार क्लेम की हुई राशि तभी मिलेगी, जब यह बात सिद्ध होगी कि आपके द्वारा लगाया गया मानहानि का मामला सामने वाले पक्ष पर सही है. साथ ही जुर्माना राशि आरोपी की हैसियत और दोनों पक्षों में हुई बातचीत पर ही निर्भर करेगी।
झूठे मुकदमे से कैसे बचाव किया जा सकता है?
मानहानि जहां एक तरफ अपने सम्मान की लड़ाई है. वहीं दूसरी तरफ कई लोग इसका गलत फायदा उठाने का प्रयास करते हैं. इस कानून का दुरूपयोग न हो सके इसके लिए भारतीय कानून में एक और प्रावधान है.
यदि कोई व्यक्ति बदला लेने या फिर गलत इशारों के साथ किसी पर मानहानि का मुकदमा करता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ ही अन्य मुकदमा किया जा सकता है। यही नहीं, वह व्यक्ति अपने अपमान और मानसिक प्रताड़ना के मुआवजे की भी मांग कर सकता है.