Covaxin Side Effects : कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का खुलासा होने के बाद अब कोवैक्सीन को लेकर भी कई समस्याएं सामने आई हैं। BHU ने दावा किया है कि कोवैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं को पीरियड्स में दिक्कतें हो रहीं हैं। इसके अलावा भी कोवैक्सीन के अन्य साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं। कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों में सांस संबंधी इंफेक्शन, ब्लड क्लॉटिंग और त्वचा रोग से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। यह साइड इफेक्ट्स लगभग एक तिहाई लोगों में दिखाई दिए हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कोवैक्सीन के क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हैं।
Covaxin Side Effects ने डराया
कुछ दिन पहले कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्रोजेनिका ने वैक्सीन के जानलेवा साइड इफेक्ट होने की बात कबूल की थी। इसजे बाद अब अब कोवैक्सीन के भी साइड इफेक्ट्स (Covaxin Side Effects) की बात सामने आई है। BHU के एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों में कई गंभीर साइड इफेक्ट्स दिखाई दिए। इनमें सांस फूलना, त्वचा में चकत्ते पड़ जाना, ब्लड क्लॉटिंग होना, अधिक थकान महसूस होना, आंखों में दर्द बने रहना जैसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं।
महिलाओं में Covaxin के गंभीर Side Effects
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के अध्यन में पाया गया है कि कोवैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं में थायराइड और पीरियड्स की भी समस्या देखी गई है। इस अध्ययन में भाग लेने महिलाओं में 4.6% महिलाएं ऐसी थी जिन्हें मासिक धर्म की समस्या थी। जबकि 0.6% महिलाओं में हाइपरथाइरॉयडिज़्म पाया गया। महिलाओं में थायराइड की वजह से भी मासिक धर्म प्रभावित होता है। यह समस्या महिलाओं को लंबे समय तक बीमार बना सकती है।
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BHU द्वारा बताए गए Covaxin Side Effects
- कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों में कुछ में AESI विकसित मिला।
- इस वैक्सीन को लगवाने वाले 50 फीसदी लोगों ने सांस फूलने की शिकायत की। जिसे अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं।
- कोवैक्सीन लगवाने वाले किशोरों में स्किन डिसऑर्डर, नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर और जनरल डिसऑर्डर जैसी समस्या देखी गई।
- वहीं वयस्कों में कोवैक्सीन लगवाने के बाद मांसपेशी और हड्डियों से जुड़े डिसऑर्डर की समस्या पाई गई।
- महिलाओं के मासिक धर्म में असमानता पाई गई। इसके साथ ही हाइपोथायरायडिज्म और एक फीसदी गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) के लक्षण देखे गए।
- अध्ययन में बताया गया की कोवैक्सीन लगवाने वाले चार वयस्कों की मौत हो चुकी है। इनमें तीन महिलाओं और एक पुरुष शामिल थे। इन चारों को ही डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की की समस्या थी। चारों मृतकों में से दो की मौत स्ट्रोक आने से हुई। एक व्यस्क की मौत पोस्ट-कोविड राइनोसेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस की वजह से हुई। चौथे व्यक्ति की मौत वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद ही हो गई थी।
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भारत बायोटेक ने दी सफाई
BHU के इन दावों के बाद वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने भी अपना जवाब दिया है। कंपनी ने कहा है कि BHU के अध्ययन में जानकारीपूर्ण डाटा पॉइंट्स की कमी है। तथ्य और तर्क पूर्ण डाटा प्वाइंट्स के बिना कोई भी अध्ययन पूरा नहीं कहलाता। कंपनी ने कहा कि BHU को यह ध्यान देना चाहिए था जिन लोगों ने अध्ययन में भाग लिया उन्हें पहले से कोई और बीमारी थी या नहीं। अध्ययन में यह भी शामिल करना चाहिए था कि कोवैक्सीन लगवाने से पहले लोगों की AESI प्रोफाइल क्या थी।