कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रदर्शन के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव का पुतला जलाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने जलते पुतले पर पानी डालने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेसियों ने इसे विफल कर दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतले पर डंडे और लात भी मारे।
रीवा में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन गंगेव क्षेत्र में जमीनी विवाद में दो महिलाओं को जिन्दा दफनाने की कोशिश को लेकर था. कलेक्ट्रेट घेरने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक लिया और उन्हें खदेड़ने के लिए उन पर वाटर कैनन का प्रयोग किया। आंसू गैस भी छोड़ी। इसके बाद कांग्रेसियों के नहीं मानने पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया. बता दें कि मनगवां क्षेत्र में हुए मुरुम कांड के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रीवा कलेक्ट्रेट का घेराव किया। लेकिन कलेक्ट्रेट पहुंचने के पहले ही उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद कांग्रेस ने हनुमान चौराहे पर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पुतला फूंका। हालांकि पुलिस ने जलते पुतले पर पानी डालकर बुझाने की कोशिश की.
सीएम का पुतला फूंका
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने प्रदर्शन के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव का पुतला जलाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने जलते पुतले पर पानी डालने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेसियों ने इसे विफल कर दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतले पर डंडे और लात भी मारे। इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई.
क्यों हुआ कांग्रेस का प्रदर्शन?
दरअसल रीवा के मनगवां क्षेत्र में जमीनी विवाद पर झगड़े के चलते एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष की दो महिलाओं ( ममता पांडेय और आशा पांडेय ) को जिन्दा दफन करने की कोशिश की. आरोपियों ने हाइवा से महिलाओं पर मुरुम डाल दी. इसमें एक महिला कमर तक और दूसरी के गले तक मुरुम से ढंक गई. एक महिला उस दौरान बेहोश हो गई. इसके बाद यह मामला पूरे प्रदेश और देशभर की मीडिया में फैल गया. यहां तक कि मामले पर प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. हालांकि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.