Congress Caindidate Akshay Kanti Bam Joining BJP; भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात के सूरत जैसा खेला एमपी में दोहरा दिया है. इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. जिससे बीजेपी के शंकर लालवानी की राह आसान हो गई है.सूत्रों की माने तो इंदौर की इस घटना की पूरी पटकथा एमपी बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय ने लिखी। सूरत सियासी घटनाक्रम के बाद ही उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी से बात की और लालवानी का रास्ता साफ कर दिया। मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सभी गोटियां फिट करने के बाद केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क किया. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद प्लान को अमलीजामा पहनाया गया.
Congress Candidate Akshay Kanti Bam Withdrew Nomination LIVE: पूरी प्लानिंग इतने गोपनीय तरीके से हुई की कांग्रेस को भनक तक नहीं लगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्लान को एक होटल में एग्जीक्यूट किया गया. अक्षय बम ने नामांकन लेने की स्तिथि में अनहोनी की आशंका जताई। उनका कहना था कि कांग्रेस नेता बवाल काट देंगे। इसके बाद विधायक रमेश मेंदोला की एंट्री हुई अक्षय बम को विस्वास दिलाया गया कि सब ठीक होगा। इसके बाद ही अक्षय अपना नामांकन वापस लेने के लिए राजी हो गए. बाकीं प्रत्याशियों से संपर्क साधकर उन्हें भी मना लिया गया. उम्मीद लगाई जा रही है कि दूसरी पार्टियों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना पर्चा खींच लेंगे।
कांग्रेस पर बरसे पूर्व मुख्यमंत्री
इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहां, कांग्रेस के साथ कोई नहीं रहना चाहता है. कांग्रेस के पास लोकसभा के लिए उम्मीदवार तक नहीं हैं. जो हैं भी पार्टी की गलत नीति और विचारधारा से नाराज होकर पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने आज कांग्रेस एक उम्मीदवार ने पार्टी छोड़ दी क्योंकि कांग्रेस देश को विनाश की ओर ले जा रही है.
जीतू के बेहद खास हैं बम
एमपी में ऑपरेशन लोटस का कांग्रेस को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के बहुत खास माने जाते हैं. राजनितिक पंडितों के अनुसार जीतू की पैरवी के बाद ही अक्षय को टिकट दिया गया था. ऑपरेशन लोटस ने एक बार फिर कांग्रेस की नींद हराम कर दी है.
इंदौर के उलटफेर के बाद जीतू पटवारी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. हमारी बात एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता से भी हुई नाम न लेने की शर्त में वो कहते हैं कि, जीतू पटवारी के पीसीसी अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस कई धड़ों में बट गई है. जीतू अपनी लाइन बड़ी करने में जुटे हैं, वहीं नेता प्रतिपक्ष [6] उमंग सिंघार की अलग लॉबी बन गई है. एक गुट कमलनाथ के साथ है, तो बचे हुए जमीनी नेता दिग्विजय सिंह, अजय सिंह राहुल और अरुण यादव के साथ अपनी टीम बनाए हुए हैं.
इंदौर संसदीय क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है. इस लोकसभा सीट से 26 प्रत्याशियों ने नामांकन फॉर्म जमा किया है. जांच के बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने तीन उम्मीदवारों केनामांकन फॉर्म निरस्त कर दिए थे. इसके बाद 23 प्रत्याशी मैदान-ए-चुनाव में हैं.