Personality Development Tips In Hindi: आज की तेज़ रफ्तार और दिखावे से भरी दुनिया में कई लोग पर्सनैलिटी डेवलपमेंट को बाहरी स्टाइल, यानी बोलने की भाषा शैली , मासूमियत से भरी आवाज़ बदलकर बोलना या बनावटी एटीट्यूड से जोड़ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि सच्चा आत्म-विकास केवल चेहरे पर मुस्कान या ड्रेसिंग सेंस से नहीं आता।
आपकी अच्छी और मजबूत पहचान,आत्मविश्वास यानी कॉन्फिडेंस और आत्म-सम्मान मतलब सेल्फ रिस्पेक्ट से बनती है और इसे ही कहते हैं एक मजबूत और प्रभावशाली पर्सनैलिटी। यह आर्टिकल समझाता है कि क्यों बनावटीपन से ज़्यादा ज़रूरी है खुद पर भरोसा और खुद ही खुद का इज्ज़त-सम्मान। इसलिए ये आर्टिकल जरूर पढ़ें विश्वास करें आप इसे पढ़ने के बाद खुद से प्यार करने लगेंगे।
पहले जानें कि आखिर बनावटीपन क्या, और ये क्यों नुकसानदायक है ?
- दिखावे के लिए खुद को किसी और जैसा दिखाना बनावटीपन है।
- झूठी बातें या ओवरएक्टिंग करके लोगों को इम्प्रेस करने की कोशिश करना बनावटी है।
- लगातार बनावटीपन से आत्म-संतुलन और नैचुरल बिहेवियर कमजोर होता जाता है।
- मन में किसी के प्रति दुर्भावना,कुढन या अच्छे विचार न होते हुए भी उससे मीठा बोलना, बनावटीपन है,जो लाख कोशिश के बावजूद छुपता नही बल्कि आपके व्यवहार के साथ चेहरे का कांति को भी धूमिल करता है।
कॉन्फिडेंस यानी खुद पर यकीन करने की ताकत
- आत्म-विश्वास का मतलब है ,अपनी कमियों और खूबियों दोनों को पहचानकर आगे बढ़ना।
- इंटरव्यू हो, मंच पर बोलना हो या किसी चुनौती का सामना, कॉन्फिडेंस ही पहली कुंजी है।
- यह बनावटी नहीं होता, बल्कि अनुभव, तैयारी और पॉजिटिव सोच से आता है, ऐसा करने से आप दिनों दिन खुद को मजबूत होता बनाते हैं।
सेल्फ रिस्पेक्ट यानी सबसे पहले खुद का सम्मान
- जो खुद की इज्जत नहीं करता, वो किसी से भी उसकी वैल्यू नहीं करवा सकता।
- पर्सनल बॉउंड्री बनाना यानी ‘ना’ कहना सीखना, और खुद के निर्णयों पर भरोसा रखना इसका सबसे मजबूत हिस्सा है।
- याद रखें सेल्फ रिस्पेक्ट ही आत्मविश्वास को पोषित करता है।
बनावटीपन से बचें-असली बने रहें
- लोगों को आप जैसे हैं वैसे ही स्वीकार कराएं उनके लिए अपनी पहचान कभी न बदलें।
- अपनी भाषा,पहनावे और व्यवहार में सादगी रखें और इस गरिमा को हमेशा एक जैसा बनाए रखें।
- यदा-कदा किसी महत्वपूर्ण व अतिसंवेदनशील मामले के अलावा हर समय ये न सोचें कि लोग क्या सोचेंगे।
ऐंसे बढ़ाएं अपना कॉन्फिडेंस और सेल्फ रिस्पेक्ट
- सेल्फ टॉक यानी रोज़ाना खुद से पॉजिटिव बातें करें।
- छोटी-छोटी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें।
- सही संगति और मोटिवेशनल रीडिंग या वीडियोज देखें।
- अपनी सीमाओं को अनुशासित रखना, उन्हें खुद तय करना और खुद की जरूरतों को प्राथमिकता देना सीखें।
विशेष :- पर्सनैलिटी का मतलब सिर्फ बाहरी आकर्षण या चाल-ढाल नहीं है क्योंकि इसे बनावटीपन कहते हैं। असली मजबूती बल्कि अपने अंदर की असली ताकत है कॉन्फिडेंस और सेल्फ रिस्पेक्ट । इसलिए अपने व्यक्तित्व की नींव को एक प्रभावशाली और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाने के लिए इस लेख की बातें जरूर फॉलो करें क्योंकि इससे खड़ा होता है एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व। अंत में ये मूल मंत्र हमेशा याद रखें कि…जो असली होता है वही स्थायी होता है।