Parliament Attack: संसद में हुए घुसपैठ की पूरी कहानी; जानिये घुसपैठियों का पूरा कच्चा-चिट्ठा

Parliament Attack

Parliament Attack: बुधवार 13 दिसंबर को लोकसभा में शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चल रही होती है, तभी अचानक से दो व्यक्ति सुरक्षा घेरा को तोड़ संसद भवन के अंदर कूद जातें हैं. अपने पैंट को उपर सरका कर जूते से कुछ निकालते हैं जिससे पुरे संसद भवन में पीला रंग की गैस फ़ैल जाता है.चरों ओर अफरा तफरी मच जाती है. संसद भवन के अंदर कूदे दोनों आरोपियों को सांसदों की भीड़ घेर लेती है और जम कर पीटती है. मन भर पिटाई करने के बाद दोनों को पुलिस के हाथों सौंप दिया जाता है. जिस दौरान ये घटना, संसद भवन के अंदर हो रही होती है ठीक उसी समय पर दो और व्यक्ति संसद भवन के बहार भी हंगामा कर रहें होते हैं. पुलिस कर्मियों द्वारा इन्हे भी हिरासत में लिया जाता है. जांच की कार्यवाही आगे बढ़ने पर पता चलता है कि दो और शख्स इस घटना में संलिप्त हैं. आपको अगर इनका नाम बताए तो सदन के अंदर कूदे दोनों शख्स का नाम सागर शर्मा और डी मनोरंजन है, बहार प्रदर्शन कर रहे दोनों प्रदर्शनकार्यों का नाम नीलम और अमोल शिंदे है. तो बहार से इन्हे सहोग दे रहे दो जनों का नाम विक्की शर्मा और ललित झा है.

अबतक इस करतूत का उद्देश्य तो सामने नहीं आया है, पर संसद के अंदर हुई इस घुसपैठ से सुरक्षा इंतजाम पर जरूर सवाल खड़े हो रहें हैं. आपको बता दें कि ये घटना संसद भवन पर हुए हमले के 22वीं बरसी के दिन ही हुई है. जिसे लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावार दिख रहा है. पर सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ये लोग लोकसभा के अंदर घुसे तो घुसे कैसे?

संसद में घुसपैठ की कहानी

बता दें की कोई भी व्यक्ति किसी सांसद की ख़ास पैरवी या विजिटर पास के माध्यम से संसद के अंदर ख़ास तौर पर विज़िटर्स के लिए बने विज़िटर गैलरी में बैठ सदन की परिक्रिया से अवगत हो सकता है. बताया जा रहा है कि सागर शर्मा और डी मनोरंजन को भी इसी पास के माध्यम से सदन के अंदर एंट्री मिली थी. और यह पास भाजपा संसद प्रताप सिन्हा के द्वारा मुहैय्या करवाया गया था. भाजपा सांसद से सवाल पूछने पर उन्होंने ने खुद को बचाते हुए कहा कि डी मनोरंजन जो की कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है उसके पिता को वो अच्छे से जानते हैं. डी मनोरंजन कई बार उनसे आग्रह कर चुका था कि उसे सदन के अंदर जाने का पास दिलवाया जाए. मनोरंजन ने सागर को अपना दोस्त बताया था. प्रताप सिन्हा ने आगे कहा की उन्हें इसकी थोड़ी भी जानकारी नहीं थी कि ये दोनों लड़के ऐसा कुछ करने के फिराक में हैं. वहीं इस घटना के बाद डी मनोरंजन के पिता का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा है कि अगर मेरा बेटा दोषी है तो उसे फांसी पर लटका दो, ये सदन गाँधी की देन है और यहाँ ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि उन्होंने अपने बेटे को बेकसूर भी बताया है.

घुसपैठियों का सपूर्ण बेवरा

वही बात अगर संसद की विजिटर्स गैलरी में कूदने वाले दूसरे व्यक्ति सागर की करें तो सागर लखनऊ का रहने वाला है. सागर पेशे से ई रिक्शा ड्राइवर है और इसके पिता कारपेंटर हैं. घटना के बाद सागर की माँ ने बताया कि बेटा बहुत सीधा है, पता नहीं कैसे दिल्ली पहुंच गया? हमें बहुत जानकारी नहीं है। उधर, पड़ोसियों ने कहा कि हमें कभी इसकी जानकारी नहीं थी वह इन सब कामों में भी शामिल है। तो वहीं सागर की छोटी बहन ने कहा कि भाई चार दिन पहले दिल्ली गया था। ज्यादा कुछ नहीं बताया था। दो महीने पहले बेंगलुरु से लौटा था।

इस घटना में एक लड़की का नाम भी खूब सामने आ रहा है. लड़की हरियाणा के खुर्द गांव की रहने वाली है. नाम नीलम है, और यह पिछले 6 महीने से हिसार में पेइंग गेस्ट में रहकर हरियाणा सिविल सर्विस एग्जाम और हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रही थी। PG के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि नीलम का राजनीति में इंट्रेस्ट था, लेकिन उसके संसद के बाहर प्रदर्शन की बात उनकी समझ से परे है। नीलम के छोटे भाई राम निवास ने कहा- हमें तो पता ही नहीं था कि वह दिल्ली गई है। वह सोमवार को आई थी, इसके बाद मंगलवार को वापस चली गई। हमें तो यही लगा था कि वह हिसार जा रही है। उसने कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। वह किसान आंदोलन में भी गई थी। परिवार में मेरा बड़ा भाई और माता-पिता हैं। पिता हलवाई हैं, जबकि मैं और मेरा भाई दूध का काम करते हैं।

संसद के बहार नारेबाजी और प्रदर्शन में नीलम के साथ एक और आरोपी था, जिसका नाम अमोल शिंदे बताया जा रहा है. अमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातुर जिले के जरी गांव का रहने वाला है। उसने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। वह पुलिस और सेना भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता था। अमोल के मां-बाप और दो भाई भी मजदूरी करते हैं। अमोल के परिवार के मुताबिक, वह 9 दिसंबर को यह कहकर घर से निकला था कि वह सेना भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है। उसने पहले भी इस तरह के कई भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था, इसलिए उसके माता-पिता को कोई शक नहीं हुआ।

इन घुसपैठियों की पूरी टीम गुरुग्राम के सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले विक्की के घर रुकी थी। जिसे अब पुलिस ने परिवार सहित हिरासत में ले लिया है. हालांकि उसकी पत्नी का इस घटना से कोई सम्बन्ध नहीं बताया जा रहा है. आपको बता दे कि यहीं के PG में संसद के बाहर प्रदर्शन करने वाली नीलम पिछले 6 महीने से रह रही थी।

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इस मामले में अबतक पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया है पर इनमे से एक अभी भी फरार है इसका नाम ललित झा है। प्रशासन के मुताबिक़ ललित को गुरूवार के दिन आखिरी बार राजस्थान के नीमराना में देखा गया था। हालांकि, जब पुलिस की स्पेशल टीम उसे पकड़ने नीमराना के गंडाला गांव पहुची तो ललित वहां से फरार हो गया। पुलिस का कहना है की ललित को भी जल्द ही हिरासत में लिया जायेगा। पर सवाल यह बनता है की आखिर इतनी मुस्तैद सुरक्षा के बावजूद ये लोग सुरक्षा में सेंध मारने में कैसे कामयाब हुए? इन घुसपैठियों के हाथ में अगर गैस की जगह बम या बन्दुक होती तब का दृश्य कैसा होता? इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है! सुरक्षा बल की इस कमी को एक त्रासदी के रूप में भी देखा जा सकता है. हालाँकि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक समीक्षा बैठक का आदेश दिया है

आरोपियों पर आपराधिक धाराएं दर्ज

वही आरोपियों परकई आपराधिक धाराएं भी दर्ज की गयीं हैं जिनमे- धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), धारा 153 (केवल दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 353 (हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं , आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत, पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में धारा 16 और 18 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। मामले को आगे की जांच के लिए स्पेशल सेल में ट्रांसफर किया गया है।

अब देखना यह है कि कार्यवाही में आगे और कौन कौन सी कड़िया जुड़ती हैं और इन आरोपियों के साथ क्या क्या होता है?

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