सीएम मोहन का ऐलान, किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी देगी सरकार

नर्मदापुरम। प्रदेश का एक-एक किसान मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। किसानों का हित हमारे लिए सर्वाेपरि है। सरकार का हर निर्णय किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है। यह बाते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में सोयाबीन पर भावांतर भुगतान के उपलक्ष्य में आयोजित किसान आभार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाकर उन्हे मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर योजना किसानों को खुले बाजार में फसलों की कीमतों के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा देती है। यह योजना किसान हित में सरकार की एक बड़ी पहल है।

सोलर पॉवर पंप पर किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी देगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के अन्नदाता अब ऊर्जादाता बन रहे हैं। किसान भाई अपने खेतों में सोलर पंप जरूर लगाएं। सोलर पंप लगाने से बिजली के अस्थाई कनेक्शन के खर्च से मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सोलर पॉवर पंप स्थापना के लिये किसानों को अब 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। पहले 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को विद्युत पंप से एक स्टेप अधिक पॉवर केपिसिटी का सोलर पॉवर पंप दिया जायेगा।

कृर्षि में नबरं वन पर मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान भाइयों की मेहनत से ही प्रदेश की जीडीपी में कृषि 39 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है। किसान भाई सच्चे अर्थों में मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, फलों और सब्जियों के उत्पादन की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन के उत्पादन के मामले में भी हम कम नहीं हैं। संतरा, मसाले, लहसुन, अदरक और धनिया उत्पादन में मध्यप्रदेश नंबर वन है। मटर, प्याज, मिर्च, अमरूद उत्पादन में दूसरे तथा फूल, औषधीय एवं सुंगधित पौधों के मामले में तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है। उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश सोयाबीन स्टेट, मिलेट्स स्टेट, मसाला स्टेट, लहसुन स्टेट और संतरा स्टेट के रूप में प्रसिद्ध होकर देश का फूड बास्केट कहलाने लगा है।

3 बड़ी नदी जोड़ो परियोजनाओं पर काम प्रारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खेती-किसानी के लिए जल अमृततुल्य होता है। इसीलिए जल-संरक्षण के हर जरूरी उपाय कर जल अवश्य बचायें। हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी अंचलों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 3 बड़ी नदी जोड़ो परियोजनाओं पर काम प्रारंभ किया है। राजस्थान के साथ पार्वती-काली सिंध-चंबल (पीकेसी) नदी जोड़ो से बुंदेलखंड और चंबल, उत्तरप्रदेश के साथ केन-बेतवा से बुंदेलखंड और महाराष्ट्र के साथ ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना से हम प्रदेश के सभी अंचलों में सिंचाई की स्थाई सुविधा उपलब्ध कराने की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान धरती माता के वास्तविक पुत्र हैं। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। प्रदेश में 250 से अधिक नदियां निकलती हैं। मां नर्मदा प्रदेश के किसानों के लिए वरदान है।

15 जनवरी तक किसान बेच सकेगे फसल

किसान सम्मेलन में बताया गया कि भावांतर योजना के अंतर्गत सोयाबीन उत्पादक किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी उपज कृषि उपज मंडियों में विक्रय कर सकेंगे। फ़सल बेचने के बाद भावांतर की राशि मात्र 15 दिनों के भीतर सीधे किसानों के आधार से लिंक बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भावांतर योजना के लिए किसानो द्वारा ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की प्रक्रिया 17 अक्टूबर तक पूरी की जा चुकी है।

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