Jaishankar on China : बर्लिन में आयोजित राजदूतों के सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को लेकर भी बात की। जयशंकर के इस बयान से चीन को राहत मिल सकती है। दरअसल, उन्होंने कहा कि भारत ने चीन के साथ व्यापार के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं, लेकिन मुद्दा यह है कि वह चीन के साथ किन क्षेत्रों में और किन शर्तों पर व्यापार करता है। यह बहुत जटिल मुद्दा है।
रूस और यूक्रेन को बातचीत करनी होगी। Jaishankar on China
दूसरी ओर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि रूस और यूक्रेन को बातचीत करनी होगी। अगर वे सलाह चाहते हैं, तो भारत हमेशा ऐसा करने को तैयार है। जयशंकर ने यह टिप्पणी अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात के एक दिन बाद की। यह मुलाकात सोमवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई।
समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकलेगा।
जयशंकर ने यह टिप्पणी यहां जर्मन विदेश मंत्रालय के वार्षिक राजदूतों के सम्मेलन में सवालों के जवाब में की। जब कोई वार्ता होगी तो मुख्य पक्षों (रूस और यूक्रेन) को उस वार्ता में भाग लेना होगा।
पहले भी कर चुके हैं वकालत।
विदेश मंत्री ने हाल के दिनों में कई बार चीन के साथ व्यापार और निवेश को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता के बारे में बात की है। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि भारत के पास चीन से जुड़ी एक विशेष समस्या है। इससे पहले मई में उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा था कि भारतीय फर्मों को एलएसी पर गतिरोध के बीच चीन के साथ व्यापार लेनदेन का राष्ट्रीय सुरक्षा फिल्टर के माध्यम से मूल्यांकन करना चाहिए और घरेलू निर्माताओं से अधिक स्रोत प्राप्त करना चाहिए।
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