Chhindwara Mid-Day Meal Case: छिंदवाड़ा के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में बदबू आने के बावजूद बच्चों को खाने के लिए मजबूर किया गया। भोजन करने के तुरंत बाद बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। हड़कंप मचने पर ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।
Chhindwara Mid-Day Meal Case: छिंदवाड़ा जिले के गुरैया स्थित सरकारी स्कूल में मिड-डे मील (कढ़ी-चावल) परोसने के बाद करीब 15 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। उल्टी और तेज पेट दर्द की शिकायत पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चों ने भोजन से दुर्गंध आने की शिकायत की थी, लेकिन आरोप है कि शिक्षकों ने इसे नजरअंदाज कर दबाव डालकर खाना खिलाया।
“नहीं खाना तो घर जाकर खाओ”
जानकारी के अनुसार, भोजन में से तेज दुर्गंध आ रही थी। कई बच्चों ने शिक्षकों से इसकी शिकायत की, मगर उन्हें अनसुना कर दिया गया। बच्चों का कहना है कि मना करने पर भोजन बनाने वाली महिलाओं ने तंज कसते हुए कहा, “नहीं खाना तो घर जाकर खाओ”. खाना खाने के कुछ ही मिनट बाद बच्चों को उल्टी और पेट दर्द शुरू हो गया। सूचना मिलते ही ग्रामीणों व शिक्षकों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
सभी बच्चों की हालत अब स्थिर
घटना की खबर मिलते ही अमरवाड़ा एसडीएम मौके पर पहुंचे और अस्पताल में भर्ती बच्चों से मुलाकात की। मेडिकल ऑफिसर के अनुसार, सभी बच्चों की हालत अब स्थिर है, लेकिन एहतियातन निगरानी में रखा गया है। खाद्य नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए हैं।
मिड-डे मील की नहीं होती नियमित जांच
प्रशासन ने लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में मिड-डे मील की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं होती। वे दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
