Chhath Puja 2025 Prasad Niyam: छठ पूजा केवल एक पर्व मात्र नहीं होता बल्कि यह आत्म शुद्धि और सूर्य उपासना का दिव्य अवसर भी होता है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है। छठ पूजा में नियम, श्रद्धा और पवित्रता का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो भी भक्त छठ पूजा के सभी नियमों का पालन करता है उसकी हर मनोकामना सूर्य देव और छठी मैया पूरी करते हैं। परंतु इस व्रत के दौरान थोड़ी सी भी गलती या लापरवाही व्रत के फल को प्रभावित कर सकती है।

हालांकि यदि मन में श्रद्धा है और अनजाने में भूल हो चुकी है तो भगवान कभी भी रुष्ट नहीं होते। परंतु पूजा के दौरान की गई लापरवाही अक्षम्य होती है। ऐसे में छठ के पूजा के दौरान कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए और आज हम आपको इसी का विवरण देने वाले हैं।
छठ पूजा में प्रसाद को लेकर बरतें पवित्रता
छठ पूजा का हर चरण अत्यंत पवित्र माना जाता है इसमें सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है छठ का प्रसाद। यह प्रसाद छठी मैया को अर्पित किया जाता है और उसके बाद सब में बांटा भी जाता है। ऐसे में इसे बनाते समय तन, मन और स्थान तीनों की पवित्रता का ध्यान दें।
प्रसाद बनाते समय किन गलतियों से बचना चाहिए
शुद्धता का ध्यान ना रखना: छठ का प्रसाद बनाने से पहले स्नान करना, शुद्ध वस्त्र पहनना अनिवार्य है। व्रती या जो भी व्यक्ति प्रसाद बना रहा है उसे पूर्ण पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। बाल बंधे होने चाहिए, शरीर पर ऐसी कोई वस्तु नहीं होनी चाहिए जो प्रतिबंधित हो और जो शुद्धता में बाधा डाले।
लकड़ी के चूल्हे का उपयोग: छठ का प्रसाद पारंपरिक लकड़ी या उपले की आंच पर बनाया जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से प्रसाद में प्राकृतिक ऊर्जा आती है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह सबसे उचित विकल्प भी माना जाता है ऐसे में हो सके तो प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाएं।
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पीतल या मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग: छठ की पूजा में स्टील या लोहे के बर्तनों का उपयोग भूलकर भी ना करें। हमेशा पीतल और मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें यह बर्तन शुद्ध और सात्विक माने जाते हैं।
प्रसाद बनाते समय बातें करना: प्रसाद बनाते समय शांतिपूर्ण और भक्ति पूर्ण वातावरण होना अनिवार्य है। प्रसाद बनाते समय बातें करना, हंसी मजाक करना, रसोई घर में बार-बार आना जाना करना इस प्रकार से प्रसाद बनाने में प्रसाद की शुद्धता कम हो जाती है।
प्रसाद में आर्टिफिशियल फ्लेवर्स डालना: छठ के प्रसाद में नमक शक्कर दूध इत्यादि जैसे आर्टिफिशियल फ्लेवर नहीं डाले जाते। इसमें मिठास के लिए प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि गुड़, नारियल, गन्ना इत्यादि।
