लव जिहाद पर होगी उम्रकैद, इस राज्य सरकार ने पास किया बिल

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UP love jihad new law: यह बिल 2021 में विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित हुआ था। उस समय इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान था। सरकार ने प्रस्तावित संशोधित विधेयक में सजा और जुर्माना दोनों को बढ़ाया है। अवैध धर्म परितर्वन के लिए फंडिंग भी को भी क्राइम माना जाएगा।

Yogi Adityanath government’s new love jihad law: उत्तरप्रदेश में अब लव जिहाद के दोषी को उम्रकैद की सजा होगी। साथ उस पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा। यूपी विधानसभा में मंगलवार 30 जुलाई को लव जिहाद विरोधी बिल पास हो गया है. योगी सरकार ने यूपी कानून विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक सोमवार 29 जुलाई को रखा था. इसमें धर्म से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि और जुर्माना बढ़ा दिया गया है. धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली विदेशी फंडिंग रोकने के लिए सजा को सख्त सख्त कर दिया गया है.

क्या बदलाव हुआ कानून में?

  • विधानसभा में पारित बिल के अनुसार नाबालिग ST/SC महिला के साथ लव जिहाद पर 2 से 10 साल तक की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना लगता था. लेकिन अब 5 से 14 साल तक की जेल और एक लाख रुपए जुर्माना होगा।
  • धोखे से या बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन और शादी कराने पर पहले एक से पांच साल की जेल और 15 हजार रुपए जुर्माना था. वहीं अब 3 से 10 साल की जेल और 25 हजार रुपए जुर्माना होगा।
  • अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है. पहले पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी.
  • अवैध ढंग से सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर अभी 3 से 10 साल की जेल और 50 हजार रुपए जुर्माना लगता है। अब 7 से 14 साल की जेल और 1 लाख रुपए जुर्माना लगेगा।
  • लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सेशन कोर्ट से नीचे का कोर्ट नहीं करेगा। साथ ही लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। सभी अपराध गैर-जमानती होंगे।

2021 में भी पारित हुआ था बिल

Changes in UP love jihad law: र्म परिवर्तन के लिए किसी को डराया, संपत्ति का डर दिखाया, मारपीट की, या शादी का दबाव बनाया तो भी उम्रकैद और जुर्माना भुगतना होगा। यह बिल 2021 में विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित हुआ था। उस समय इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान था। सरकार ने प्रस्तावित संशोधित विधेयक में सजा और जुर्माना दोनों को बढ़ाया है। अवैध धर्म परितर्वन के लिए फंडिंग भी को भी क्राइम माना जाएगा। किसी विदेशी संस्था या किसी भी अवैध संस्था से यदि धर्म परितर्वन के लिए फंडिंग हुई तो संस्था के संचालकों पर भी एक्शन होगा।

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