Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के सर्वश्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं।आचार्य चाणक्य ने न केवल राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र से संबंधित किताबें लिखी हैं बल्कि आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन को सफल बनाने के लिए नीति शास्त्र (Niti shastra) और चाणक्य नीति जैसी किताबें भी लिखी है। इन किताबों में कुछ ऐसे जरूरी सूत्रों का वर्णन किया गया है जिनका पालन कर व्यक्ति आसानी से सफलता प्राप्त कर सकता है।यह किताबें आज की जनरेशन के लिए बेहद जरूरी है जिसे आज के दौर के बच्चे की जान पाते हैं कि हम जीवन में कामयाब किस प्रकार हो सकते हैं (how to become successful)?

क्या कहते है आचार्य चाणक्य दुश्मन के बारे में?
आज के इस लेख में हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए एक ऐसे महत्वपूर्ण सूत्र के बारे में बताएंगे जिससे आपको पता चलेगा कि आपको किस व्यक्ति से संबंध रखना चाहिए और किससे दूर रहना चाहिए? यहां तक की आपको यह मालूम पड़ेगा कि किन लोगों से शत्रुता (chanakya niti on enemy) भी नहीं मोल लेनी चाहिए? जी हां हमें अपने जीवन में ऐसे लोगों से कभी भी शत्रुता नहीं लेनी चाहिए जो हमारे लिए भविष्य में बड़ी मुसीबत खड़ी कर सके। ऐसे में आचार्य चाणक्य में कूटनीति का रास्ता अपनाने की सलाह दी है।
आईए जानते हैं कि किन लोगों से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए?
सत्ता में रहने वाला व्यक्ति: ऐसे लोगों से कभी भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए जो राजा के पद पर है या सत्ताधारी है।क्योंकि ऐसे लोगों से दुश्मनी होते ही वह आपकी जिंदगी को पलट के रख सकते हैं क्योंकि इनके पास में सारे जरूरी अधिकार होते हैं।
धनवान व्यक्ति: धनवान व्यक्ति के साथ भी कभी भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए क्योंकि धनवान व्यक्ति के पास में हमेशा धन की शक्ति मौजूद होती है। ऐसे में धनवान व्यक्ति अपने शत्रु को नुकसान पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
शारीरिक या मानसिक रूप से बलवान व्यक्ति: ऐसे लोगों से भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए जो शारीरिक रूप से मानसिक रूप से आपसे ज्यादा ताकतवर है क्योंकि ऐसे लोग अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं और आपको नुकसान पहुंचाते हैं।
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बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने वाले व्यक्ति: ऐसे लोगों से भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए जो बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सके। ऐसे लोग काफी खतरनाक साबित होते हैं और यह लोग खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आपका भी केवल बुरा ही करते हैं।
इस प्रकार आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों से दूर रहने और शत्रुता और मित्रता नही करने का सुझाव दिया है क्योंकि ऐसे लोग आपके लिए हमेशा मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं।