Call off of Home Guards Ends in MP: 2020 में मध्य प्रदेश होमगार्ड जनरल की ओर से आदेश जारी किया गया था कि प्रदेश के होमगार्ड सैनिकों से वर्ष में केवल 10 महीने सेवा ली जाएगी। शेष दो महीनों में उन्हें कॉल-ऑफ कर घर बैठाया जाएगा। इस期间 में सैनिकों को न तो काम मिलेगा और न ही वेतन।
Call off of Home Guards Ends: मध्य प्रदेश के 16,300 से अधिक होमगार्ड सैनिकों को नवरात्रि के पावन पर्व पर बड़ी सौगात मिली है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ शामिल थे, ने होमगार्ड सैनिकों की लंबे समय से चली आ रही कॉल ऑफ प्रक्रिया को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस आदेश के तहत अब सभी होमगार्ड जवानों को पूरे 12 महीने काम करने और पूरा वेतन प्राप्त करने का अधिकार होगा।
कॉल ऑफ प्रक्रिया खत्म, बकाया वेतन का भी आदेश
हाई कोर्ट ने न केवल कॉल ऑफ प्रक्रिया को समाप्त किया, बल्कि 2020 से अब तक कॉल ऑफ किए गए सैनिकों को उनका बकाया वेतन भी चुकाने का निर्देश दिया। यह फैसला उन हजारों जवानों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो वर्षों से इस अन्याय के खिलाफ न्याय की उम्मीद लगाए थे।
10 महीने की ड्यूटी से आर्थिक तंगी
वर्ष 2020 में होमगार्ड जनरल, मध्य प्रदेश द्वारा जारी आदेश के अनुसार, होमगार्ड सैनिकों को साल में केवल 10 महीने ड्यूटी दी जाती थी, जबकि शेष दो महीनों में उन्हें कॉल ऑफ कर घर बैठा दिया जाता था। इस दौरान न तो काम मिलता था और न ही वेतन। इससे लगभग 16,300 होमगार्ड सैनिकों, जिनमें से करीब 10,000 नियमित रूप से इनरोल्ड हैं, और उनके परिवारों को गंभीर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। कुछ जवान सिंहस्थ जैसे विशेष अवसरों पर भर्ती किए गए थे, लेकिन कॉल ऑफ की प्रक्रिया ने सभी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं।
500 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई
होमगार्ड सैनिकों ने इस अन्याय के खिलाफ लंबा संघर्ष किया। लगभग 10,000 सैनिकों की ओर से 500 से अधिक याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की गईं। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि जब उन्हें पूरे साल काम मिल सकता है, तो दो महीने बेरोजगार क्यों रखा जाता है? यह व्यवस्था न केवल उनके अधिकारों का हनन करती थी, बल्कि उनके परिवारों के भविष्य को भी प्रभावित करती थी। याचिकाकर्ताओं के वकील विकास महावर ने सैनिकों की स्थिति को प्रभावी ढंग से अदालत के सामने रखा। सभी पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने सैनिकों के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि अब उन्हें पूरे 12 महीने काम और वेतन मिलेगा।
नवरात्रि पर मिला न्याय का उपहार
नवरात्रि के शुभ अवसर पर आया यह फैसला होमगार्ड सैनिकों के लिए किसी बड़े उपहार से कम नहीं है। यह निर्णय न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाएगा। अब जवान बेरोजगारी और आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर गर्व के साथ अपनी ड्यूटी निभा सकेंगे। यह फैसला दर्शाता है कि न्यायपालिका सुरक्षा बलों जैसे महत्वपूर्ण स्तंभों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है। होमगार्ड सैनिकों की आवाज अब न्याय के गलियारों से बुलंद हुई है।