BJP Ministers Replaced 2026 : 2025 गुजरने वाला है।आज se पांच दिनों के बाद 2026 की शुरुआत हो जाएगी। नया साल राजनीति में भाजपा पार्टी के कई मंत्रियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। मोदी कैबिनेट में 6 भाजपा मंत्रियों को उनके पद से हटाया जाएगा, जो प्रमुख केंद्रीय मंत्री हैं। अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये हो रही है कि कौन से मंत्री हैं जिनसे उनके मंत्रालय छिनने वाले हैं? क्या पीएम मोदी अपने पुराने साथियों पर फिर भरोसा जताएंगे या नए चेहरों के लिए रास्ता साफ करेंगे?
2026 में छिन जाएंगे 6 मंत्रियों के हाथ से विभाग
साल 2026 में मोदी सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों की ‘राजनीतिक अग्निपरीक्षा’ होने वाली है। मामला सिर्फ राज्यसभा सीटों का नहीं है, बल्कि सीधे तौर पर इन मंत्रियों की कुर्सी और वजूद का है। 2026 में राज्यसभा की 75 सीटों पर चुनाव होंगे, जिससे संसद का समीकरण बदलने के साथ-साथ मोदी कैबिनेट का चेहरा भी पूरी तरह बदल सकता है। बताया जा रहा है कि मोदी कैबिनेट के 6 मंत्रियों को उनके मंत्री पद से हटा दिया जाएगा। अब इनकी जगह दूसरे मंत्रियों को जगह दी जाएगी।
मोदी कैबिनेट से हटेंगे ये 6 मंत्री
मोदी सरकार के जिन छह मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है, उनमें बड़े नेता शामिल हैं। सूची में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, बीएल वर्मा, रवनीत सिंह बिट्टू, जॉर्ज कुरियन, रामदास अठावले और रामनाथ ठाकुर का नाम है। इनमें से चार भाजपा के हैं, एक जेडीयू का और एक सहयोगी दल आरपीआई (ए) का। अप्रैल, जून और नवंबर 2026 में इन सभी की सदस्यता समाप्त हो जाएगी। नियम स्पष्ट है—अगर पार्टी इन्हें फिर से राज्यसभा में नहीं भेजती, तो इनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी तय है। सबसे पहले 2 अप्रैल को रामदास अठावले और 9 अप्रैल को रामनाथ ठाकुर का कार्यकाल खत्म होगा। उसके बाद जून में बिट्टू और कुरियन का, और साल के अंत में हरदीप पुरी और बीएल वर्मा का नंबर आएगा।
बिहार और महाराष्ट्र में भी एक-एक सीटें कम होंगी
महाराष्ट्र और बिहार की राजनीति में 2026 की शुरुआत काफी हलचल भरी होने वाली है। महाराष्ट्र में सात सीटें हैं, जिनमें से एक पर रामदास अठावले का कब्जा है। बीजेपी उन्हें दो बार मौका दे चुकी है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऐसे में सवाल है कि क्या बीजेपी उन्हें फिर से मौका देगी या किसी नए नेता को मौका मिलेगा। वहीं बिहार में जेडीयू नेता और कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। नीतीश कुमार उन्हें दो बार राज्यसभा में भेज चुके हैं। बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच फिर से उन्हें मौका मिलेगा या नहीं, यह देखना बाकी है। अगर नहीं, तो जेडीयू का एक मंत्री पद खतरे में पड़ सकता है।
हार के बाद भी मंत्री बनाए गए थे ये बिट्टू और कुरियन
रवनीत सिंह बिट्टू और जॉर्ज कुरियन को पीएम मोदी ने 2024 में हार के बावजूद अपनी कैबिनेट में शामिल किया था। बिट्टू पंजाब से हार गए थे, फिर भी उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया। अब जून 2026 में उनकी सदस्यता समाप्त हो रही है। राजस्थान की तीन सीटों में से दो बीजेपी जीत सकती है, तो क्या इन दोनों को फिर मौका मिलेगा? वहीं जॉर्ज कुरियन का भी कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है, जो मध्य प्रदेश से हैं। यदि बीजेपी इन्हें फिर से संसद नहीं भेजती, तो इन मंत्रियों का मंत्री पद भी खतरे में पड़ जाएगा।
हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा का कार्यकाल खत्म
उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटें हैं, जिनमें से मोदी सरकार के दो बड़े मंत्री—हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा- सांसद हैं। उनका कार्यकाल 25 नवंबर को पूरा हो गया। यूपी विधानसभा में बीजेपी के पास बहुमत है, इसलिए वे आसानी से 8 सीटें जीत सकती है, लेकिन रिटायर होने वाले सांसदों की लंबी लिस्ट (बृजलाल, नीरज शेखर, अरुण सिंह आदि) को देखते हुए हाईकमान के लिए फैसला आसान नहीं रहेगा। सवाल है कि अनुभव के आधार पर हरदीप पुरी की कुर्सी बचेगी या फिर संगठन में पकड़ रखने वाले बीएल वर्मा ही बाजी मारेंगे?
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