Bihar Election : बिहार में सीटों के नंबर का सियासी ड्रामा, मुकेश सहनी को कांग्रेस की सीटों के नंबर से दिक्कत

Bihar Election Seat Sharing : बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। तारीखों का एलान होते ही बिहार में उथल-पुथल भी मच गई है। दरअसल, बिहार चुनाव किसी फिल्म से कम नहीं, यहाँ एक्शन भी है, ड्रामा भी है, और कॉमेडी भी है। इसी के साथ ट्रेजडी भी देखने को मिलती है। जी हाँ, बिहार चुनाव है सम्मान और अपमान की जंग। अब तो बिहार चुनाव में शायरी के साथ नाराजगी का तड़का भी लग चुका है।

बिहार में शायरी से जाहिर हो रही नाराजगी

बिहार में चिराग पासवान के लंबे चौड़े बयान के बाद जितनराम मांझी भी जोश में आए और शायराने अंदाज में अपनी दिल की कड़वाहट भाजपा से कह डाली। दरअसल, जितन राम मांझी ने एक कविता सुनाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था:
“हर समय एनडीए का साथ देते हैं,
एनडीए का फर्ज है मुझे अपमानित न होने दें,
न्याय अगर हो तो आधा दो,
उमें भी बाधा हो तो दे दो केवल 15 ग्राम।”

इस कविता के जरिए मांझी ने भाजपा से सात नहीं बल्कि 15 सीटें मांग ली। पहले से ही चिराग पासवान 40 सीटों पर अड़े हुए हैं, उनका भी साफ कहना है कि अगर 40 सीटें नहीं दे सकते तो भाजपा की वो तीन सीटें दे दो, जिनमें दो हैं गोविंदगंज और लालगंज।

महागठबंधन में सहनी और कांग्रेस में कांटा भिड़ा

कुल मिलाकर, ये कह सकते हैं कि विनोद तावड़े और धर्मेंद्र प्रधान की बैठकों पर बैठकें करने के बाद भी एनडीए में सीट शेयरिंग का मसला नहीं सुलझ पाया। ऐसा नहीं है कि ये सीटों की महाभारत केवल एनडीए में चल रही है। ये महाभारत महागठबंधन में भी है। वहाँ सहनी और कांग्रेस में कांटा भिड़ा है। बिहार में पहले चरण के चुनाव के नामांकन शुरू होने से ठीक पहले, एनडीए और महागठबंधन दोनों में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। कई दौर की बातचीत के बाद भी अंतिम फॉर्मूले पर सहमति नहीं बन पाई है। एनडीए में सहयोगी दल अधिक सीटों की मांग पर अड़े हैं, जिससे तनाव बढ़ गया है।

जिताऊ सीटों पर कांग्रेस का ध्यान

एक बयान में कहा गया है, “हमारी पार्टी अपनी नीतियों और रणनीतियों के बारे में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।” महागठबंधन में भी कांग्रेस, मुकेश सहनी और लेफ्ट पार्टियां अपनी-अपनी मांगों पर कायम हैं। मुकेश सहनी ने 25 सीटों और उपमुख्यमंत्री पद की मांग की है, जबकि कांग्रेस जिताऊ सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। दोनों प्रमुख गठबंधनों में सीट शेयरिंग को लेकर जारी इस खींचतान से चुनावी माहौल गरमा गया है। सीटों का बंटवारा अभी हो नहीं पाया है और चुनाव भी अब सर पर हैं। पहले चरण का चुनाव 6 नवंबर को होगा, जिसके नामांकन के लिए सिर्फ 9 दिन ही बचे हैं। वहीं, 11 नवंबर को दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होना है, और नामांकन के लिए 12 दिन बचे हैं।

सहनी कर सकते हैं महागठबंधन में खेल

वहीं, महागठबंधन में हर किसी की निगाहें विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया मुकेश सहनी पर टिकी हैं। कहा जा रहा है कि वो बड़ा खेल कर सकते हैं। मुकेश सहनी भी महागठबंधन में कांग्रेस की नाक में दम कर रहे हैं। वो गठबंधन से मुख्यमंत्री पद मांग रहे हैं और कांग्रेस से कह रहे हैं कि इनको 60-70 सीटें क्यों दी जा रही हैं। चर्चा है कि सहनी महागठबंधन से नाराज चल रहे हैं और एनडीए में वापसी कर सकते हैं।

मुकेश सहनी इस समय बिहार की राजनीति में चुनाव से पहले ही ‘किंगमेकर’ की भूमिका में दिख रहे हैं। उनकी पार्टी भले ही छोटी हो, लेकिन मल्लाह और निषाद समाज पर उनकी पकड़ मजबूत है। यही कारण है कि एनडीए और महागठबंधन दोनों उन्हें अपने साथ रखना चाहते हैं। लेकिन समस्या ये है कि मुकेश सहनी महागठबंधन से करीब 30 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि उन्हें अधिकतम 10 से 15 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं, एनडीए उन्हें ‘विनिंग सीट्स’ का लालच दे रहा है। अगर सहनी एनडीए में लौटते हैं, तो साल 2020 की कहानी फिर से दोहराई जा सकती है। तब वो आरजेडी से नाराज होकर बीजेपी के साथ चले गए थे और 11 सीटें मिली थीं। हालांकि बाद में बीजेपी और वीआईपी के रिश्ते बिगड़ गए, तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए, और सहनी को गठबंधन छोड़ना पड़ा।

इसके बाद उन्होंने महागठबंधन का दामन थामा, लेकिन वहां भी उन्हें उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले। उन्होंने महागठबंधन से 30 सीटें मांगी हैं और साथ में उपमुख्यमंत्री पद भी चाहते हैं, जो कांग्रेस के लिए नागवार है। अब कांग्रेस और सहनी के बीच मामला उलझा हुआ है। उधर, एनडीए में आज सब कुछ ठीक होने की बात कही जा रही है।

मांझी और चिराग में सीटें के नंबर पर नाराजगी

बता दें, 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा, जबकि 11 नवंबर को 122 सीटों पर। ऐसे में अभी तक किसी भी गठबंधन ने सीटों का आंकड़ा पेश नहीं किया है, क्योंकि सीटों का बंटवारा ही तय नहीं हो पाया है। गठबंधन ने जो सीटें तय की हैं, दल उन्हें स्वीकार करने में असमर्थ हैं। आज भी एनडीए में बैठक का दौर जारी है। हो सकता है आज कुछ फैसला हो पाए। एनडीए में अभी तक जिनत राम मांझी चिराग को 40 सीटों की जिद छोड़ने की सलाह दे रहे थे, अब खुद ही 15 सीटों की जिद पर अड़ गए हैं।

आज हो सकता है सीटों का फैसला

हम कह सकते हैं कि फिलहाल एनडीए में महागठबंधन की तुलना में ज्यादा तनाव है। आज यह तय हो जाएगा कि सीटों का बंटवारा हो पाया है या नहीं। बीजेपी बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े लगातार एनडीए के दलों को मनाने में लगे हैं। अब देखते हैं आगे क्या होगा?

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