Bihar Election 2025 : बिहार में चुनावी गतिविधियों से दूर चल रहें राहुल गाँधी ने फिर से बिहार के रण में एंट्री कर ली है। बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 के लिए राहुल गांधी ने अपनी पहली चुनावी रैली से ही अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है। बिहार में आने वाले समय में वे किस मुद्दे पर बात करेंगे, यह भी साफ हो गया है। उनके निशाने पर कौन रहेगा, यह भी स्पष्ट हो गया है। उनके भाषण में कितनी बातें चुनावी राजनीति के हिसाब से होंगी और कितनी मन की बात होंगी, यह भी पूरी तरह से समझ में आ गया है।
राहुल गाँधी ने स्पष्ट किया चुनावी मुद्दा
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ चुनाव अभियान शुरू करते ही राहुल गांधी ने कुछ पुरानी बातों का ही जिक्र किया, लेकिन उनमें नए मुद्दे भी जुड़े हैं। उन्होंने अडानी और अंबानी से जुड़े मुद्दे उठाए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका सदाबहार टार्गेट बनाए रखा है। इसके साथ ही, उन्होंने वोट चोरी का मुद्दा भी फिर से उछाला है। तेजस्वी यादव के मुंह से भले ही वोट-चोरी का जिक्र कम सुनाई देता हो, लेकिन राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे ऐसे मुद्दों को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं।
बिहार में पीएम मोदी पर राहुल गांधी का फूटा गुस्सा
राहुल गांधी का गुस्सा बिहार पहुंचते ही फूट पड़ा। उनके निशाने पर हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भी मोदी की मां के लिए अपमानजनक शब्द कहने को लेकर विवाद हुआ था। बिहार के लोगों से संवाद करते हुए मोदी ने कहा था कि उनकी मां का राजनीति से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इन लोगों ने उन्हें भी राजनीति में घसीटा है। पीएम मोदी ने कहा था कि बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं, जो देश की मां-बहनों का अपमान है।
राहुल गाँधी बोले- वोट के लिए ड्रामा कर सकते हैं
राहुल गांधी ने इस विवाद को फिर से उछालते हुए कहा, “अगर आप कहोगे नरेंद्र मोदी जी… आप ऐसा ड्रामा कर सकते हैं, वोट के लिए आप कर देंगे। जो भी करवाना है करवा लो… देखो भइया, हम आपको वोट देंगे। आप स्टेज पर आकर नाच लो, वो नाच लेंगे।” यह निजी हमले अक्सर ही भारी पड़ते हैं और बैकफायर भी करते हैं, लेकिन राहुल गांधी मान नहीं रहे हैं। कई कांग्रेस नेता भी उन्हें न करने की सलाह देते हैं, लेकिन वे अपने मन की बात खुल कर कहते हैं।
राहुल गाँधी ने फिर से उठाया वोट-चोरी का मुद्दा
राहुल गांधी ने बिहार में वोट चोरी का मुद्दा फिर से उठाया और उसे संविधान पर हमले से जोड़ दिया। उनका तर्क है कि भाजपा, आरएसएस और नरेंद्र मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मोदी वोट चोरी करते हैं, संस्थानों को कमजोर करते हैं, और आरएसएस के नेताओं को पद पर बिठाते हैं, तो यह संविधान का उल्लंघन है। राहुल ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस संविधान की रक्षा करती रहेगी और इसे कोई खत्म नहीं कर सकता।
राहुल गाँधी ने यमुना पर भी बोला हमला
राहुल गांधी ने दिल्ली में यमुना के प्रदुषण का मुद्दा बिहार के चुनाव में भी उठाया। उन्होंने कहा कि यमुना का पानी गंदा है, लेकिन यह बिहार के लोगों के लिए खास मायने नहीं रखता। फिर भी, इस मुद्दे का इस्तेमाल नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने ड्रामेबाजी करनी थी, इसलिए उन्होंने नल से साफ पानी का पाइपलाइन दिखाया, लेकिन मोदी उस जगह जाने से मना कर दिए। राहुल ने यह भी कहा कि अमीरों के लिए साफ पानी है, और गरीबों के पास गंदा पानी।
बिहार में राहुल ने दोहराया अडानी मुद्दा
राहुल गांधी का अडानी से जुड़ा मुद्दा खासा चर्चित रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई के धारावी की जमीन, जहां बिहार के लोग रहते हैं, उन्हें अडानी को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों की जमीन छीनकर अडानी को एक रुपये में दे दी गई। उन्होंने सवाल किया, “क्या आप ऐसा प्रदेश चाहेंगे, जहां अडानी को 1-2 रुपये में जमीन दी जाए और युवाओं को रोजगार न मिले?”
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी का कहना है कि मोदी बिहार के युवाओं को कम दाम में इंटरनेट डेटा देने का वादा करते हैं, लेकिन असल में इसका फायदा जियो के मालिक अडानी उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने जनता को डेटा नहीं दिया, बल्कि अंबानी को स्पेक्ट्रम दिया है।
क्या इन मुद्दों से महागठबंधन को फायदा होगा?
जहां राहुल गाँधी के बयान ने बिहार में गर्दा उड़ा दी तो वहीं उनके भाषण की बाते तेजस्वी यादव के लिए गले की फांस बँ गई हैं। दरअसल, बिहार चुनाव के प्रचार में जिन मुद्दों को राहुल गाँधी ने उठाया उनपर तेजस्वी यादव का ध्यान ही नहीं है। ऐसे में क्या राहुल गांधी ने इन मुद्दों को उठाकर महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को नुकसान पहुंचा दिया है? या इससे तेजस्वी यादव की मुश्किलें कम होंगी? यह सवाल भी उठ रहे हैं।
Bihar Election 2025 : महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव को खटक रही राहुल गाँधी के चुनाव प्रचार की ये 5 बातें
Bihar Election 2025 : बिहार में चुनावी गतिविधियों से दूर चल रहें राहुल गाँधी ने फिर से बिहार के रण में एंट्री कर ली है। बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 के लिए राहुल गांधी ने अपनी पहली चुनावी रैली से ही अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है। बिहार में आने वाले समय में वे किस मुद्दे पर बात करेंगे, यह भी साफ हो गया है। उनके निशाने पर कौन रहेगा, यह भी स्पष्ट हो गया है। उनके भाषण में कितनी बातें चुनावी राजनीति के हिसाब से होंगी और कितनी मन की बात होंगी, यह भी पूरी तरह से समझ में आ गया है।
राहुल गाँधी ने स्पष्ट किया चुनावी मुद्दा
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ चुनाव अभियान शुरू करते ही राहुल गांधी ने कुछ पुरानी बातों का ही जिक्र किया, लेकिन उनमें नए मुद्दे भी जुड़े हैं। उन्होंने अडानी और अंबानी से जुड़े मुद्दे उठाए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका सदाबहार टार्गेट बनाए रखा है। इसके साथ ही, उन्होंने वोट चोरी का मुद्दा भी फिर से उछाला है। तेजस्वी यादव के मुंह से भले ही वोट-चोरी का जिक्र कम सुनाई देता हो, लेकिन राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे ऐसे मुद्दों को कभी छोड़ने वाले नहीं हैं।
बिहार में पीएम मोदी पर राहुल गांधी का फूटा गुस्सा
राहुल गांधी का गुस्सा बिहार पहुंचते ही फूट पड़ा। उनके निशाने पर हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भी मोदी की मां के लिए अपमानजनक शब्द कहने को लेकर विवाद हुआ था। बिहार के लोगों से संवाद करते हुए मोदी ने कहा था कि उनकी मां का राजनीति से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इन लोगों ने उन्हें भी राजनीति में घसीटा है। पीएम मोदी ने कहा था कि बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं, जो देश की मां-बहनों का अपमान है।
राहुल गाँधी बोले- वोट के लिए ड्रामा कर सकते हैं
राहुल गांधी ने इस विवाद को फिर से उछालते हुए कहा, “अगर आप कहोगे नरेंद्र मोदी जी… आप ऐसा ड्रामा कर सकते हैं, वोट के लिए आप कर देंगे। जो भी करवाना है करवा लो… देखो भइया, हम आपको वोट देंगे। आप स्टेज पर आकर नाच लो, वो नाच लेंगे।”
यह निजी हमले अक्सर ही भारी पड़ते हैं और बैकफायर भी करते हैं, लेकिन राहुल गांधी मान नहीं रहे हैं। कई कांग्रेस नेता भी उन्हें न करने की सलाह देते हैं, लेकिन वे अपने मन की बात खुल कर कहते हैं।
राहुल गाँधी ने फिर से उठाया वोट-चोरी का मुद्दा
राहुल गांधी ने बिहार में वोट चोरी का मुद्दा फिर से उठाया और उसे संविधान पर हमले से जोड़ दिया। उनका तर्क है कि भाजपा, आरएसएस और नरेंद्र मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मोदी वोट चोरी करते हैं, संस्थानों को कमजोर करते हैं, और आरएसएस के नेताओं को पद पर बिठाते हैं, तो यह संविधान का उल्लंघन है। राहुल ने भरोसा दिलाया कि कांग्रेस संविधान की रक्षा करती रहेगी और इसे कोई खत्म नहीं कर सकता।
राहुल गाँधी ने यमुना पर भी बोला हमला
राहुल गांधी ने दिल्ली में यमुना के प्रदुषण का मुद्दा बिहार के चुनाव में भी उठाया। उन्होंने कहा कि यमुना का पानी गंदा है, लेकिन यह बिहार के लोगों के लिए खास मायने नहीं रखता। फिर भी, इस मुद्दे का इस्तेमाल नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने ड्रामेबाजी करनी थी, इसलिए उन्होंने नल से साफ पानी का पाइपलाइन दिखाया, लेकिन मोदी उस जगह जाने से मना कर दिए। राहुल ने यह भी कहा कि अमीरों के लिए साफ पानी है, और गरीबों के पास गंदा पानी।
बिहार में राहुल ने दोहराया अडानी मुद्दा
राहुल गांधी का अडानी से जुड़ा मुद्दा खासा चर्चित रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई के धारावी की जमीन, जहां बिहार के लोग रहते हैं, उन्हें अडानी को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों की जमीन छीनकर अडानी को एक रुपये में दे दी गई। उन्होंने सवाल किया, “क्या आप ऐसा प्रदेश चाहेंगे, जहां अडानी को 1-2 रुपये में जमीन दी जाए और युवाओं को रोजगार न मिले?”
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी का कहना है कि मोदी बिहार के युवाओं को कम दाम में इंटरनेट डेटा देने का वादा करते हैं, लेकिन असल में इसका फायदा जियो के मालिक अडानी उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने जनता को डेटा नहीं दिया, बल्कि अंबानी को स्पेक्ट्रम दिया है।
क्या इन मुद्दों से महागठबंधन को फायदा होगा?
जहां राहुल गाँधी के बयान ने बिहार में गर्दा उड़ा दी तो वहीं उनके भाषण की बाते तेजस्वी यादव के लिए गले की फांस बँ गई हैं। दरअसल, बिहार चुनाव के प्रचार में जिन मुद्दों को राहुल गाँधी ने उठाया उनपर तेजस्वी यादव का ध्यान ही नहीं है। ऐसे में क्या राहुल गांधी ने इन मुद्दों को उठाकर महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को नुकसान पहुंचा दिया है? या इससे तेजस्वी यादव की मुश्किलें कम होंगी? यह सवाल भी उठ रहे हैं।
