हाल ही में बिहार विधानसभा में 7 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार द्वारा दिए गए बयान से पूरे देश में विरोध का माहौल देखने को मिला। सीएम ने इस बयान पर अपनी गलती मानते हुए 8 नवंबर को माफी मांगी।
विधानसभा में मंगलवार को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफ़ी मांगता हूँ. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसँख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है. मेरे मकसद सिर्फ शिक्षा के बाद जनसंख्या वृध्दि में आ रहे परिवर्तन को बताना था.
बिहार विधानसभा में मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी कहीं, जिसे हम यहां लिख नहीं सकते। इन्हीं बातों पर भाजपा और कांग्रेस की महिला विधायकों ने नाराजगी जताई, तो डिप्टी सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री की बातों को सेक्स एजुकेशन के तौर पर लेना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि नीतीश कुमार का बयान किसी गली के लफंगों जैसा है. ऐसा लगता है वह मानसिक रूप से बीमार हैं. उन्हें इस्तीफा देकर तत्काल डॉक्टर से मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने तर्क देते हुए आंकड़े बताए। उन्होंने कहा कि राज्य में 6 वर्ष से छोटे बच्चों की संख्या 2011 में 18.46% थी, जो घटकर 13.6% रह गई है. बिहार में पिछले साल प्रजनन दर 2.9% पर पहुंच गई है, जो पहले 4.3% हुआ करती थी. जनसंख्या नियंत्रण में बड़ी भूमिका बालिका शिक्षा की है. यही कारण है कि राज्य में बालिकाओं की शिक्षा पर हमने जोर दिया है.
नीतीश कुमार का माफी मांगते हुए वीडियो
भले ही नीतीश कुमार ने अपने बयान को लेकर माफ़ी मांगी हो, लेकिन अभी भी लोग उनके स्टेटमेंट की निंदा कर रहे हैं. उनका यह बयान सेक्स एजुकेशन का सबसे गंदा उदाहरण हो सकता है.