Bihar Cast Census: बिहार में हुई जातीय जन गणना की आर्थिक रिपोर्ट अब सामने आ गई है. रिपोर्ट से यह स्पस्ट हो रहा है कि बिहार के करीब 25 प्रतिशत गरीब सवर्णों की मासिक आय 6 हज़ार के करीब है तो वहीं करीब 33 प्रतिशत पिछड़ों को गरीब की श्रेणी में रखा गया है. आपको बता दें कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से सियासी उठा-पटक होने के आसार भी लगाए जा रहे हैं.
रिपोर्ट में क्या आया सामने
बिहार विधान मंडल में पेश की गई आर्थिक सर्वे रिपोर्ट (Bihar Cast Census) के अनुसार बिहार के लगभग 34 प्रतिशत परिवारों की मासिक आय 6 हज़ार से भी कम है. राज्य सरकार द्वारा कराई गयी इस जाति आधारित जन गणना की रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है कि राज्य में करीब 27 फीसदी भूमिहार, 25% ब्राह्मण 13% कायस्थ और करीब 25% राजपूत गरीब हैं.
बिहार में भूमिहार सबसे ज्यादा गरीब
बिहार में हुए जाति आधारित जन गणना (Bihar Cast Census) के कुछ आकड़ें सार्वजनिक हो गए हैं. रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 25% गरीब सवर्णो में सबसे ज़्यादा गरीब भूमिहार हैं. आकड़ों के अनुसार करीब 27.58 प्रतिशत भूमिहार गरीब की श्रेणी में हैं तो वहीं गरीब राजपूत परिवारों की संख्या 9.53 लाख के करीब तो गरीब कायस्थों की संख्या 1.70 लाख के आस-पास है. इस श्रेणी में शेख परिवारों की संख्या 11 लाख, खान 1.9 लाख तो सैयद परिवारों की संख्या लगभग 60 है.
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कितनी है 10 हजार प्रति माह कमाने वालों की आबादी
आकड़ों में यह सामने आया है कि बिहार में 10 हज़ार के करीब कमाने वालों की आबादी लगभग 29.61 प्रतिशत है और इनकी संख्या 81,91,380 के आस-पास है तो वहीं 10 हज़ार या 10 हज़ार से ज्यादा कमाने वालों की संख्या 37% के करीब है.
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