नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में बड़ी राहत, पुल-सुरंग वाले रास्तों पर 50% तक कमी

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NHAI Toll Tax Rates 2025 Update: भारत सरकार ने नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है। जिन रास्तों पर पुल, सुरंग या फ्लाईओवर जैसे स्ट्रक्चर हैं, वहां टोल टैक्स को 50% तक कम कर दिया गया है। इस बदलाव से वाहन चालकों के सफर का खर्च काफी कम होगा।

NHAI Toll Tax Rates 2025 Update: भारत सरकार ने नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में बड़ी राहत दी है। यह कमी खास तौर पर उन रास्तों पर लागू होगी जहां पुल, सुरंग या फ्लाईओवर हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल टैक्स की दरों को 50% तक कम करने का फैसला किया है। इससे वाहन चालकों का खर्च काफी हद तक कम होगा। पहले NH Fee Rules, 2008 के आधार पर टोल टैक्स वसूला जाता था, लेकिन अब मंत्रालय ने इन नियमों में बदलाव कर नई गणना का तरीका लागू किया है।

टोल टैक्स की नई गणना का तरीका

मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि नेशनल हाईवे के किसी हिस्से पर बने स्ट्रक्चर (पुल, सुरंग, फ्लाईओवर या एलिवेटेड हाईवे) के लिए टोल की गणना अब इस तरह होगी:

  • स्ट्रक्चर की लंबाई को 10 गुना करके, नेशनल हाईवे के उस हिस्से की लंबाई में जोड़ा जाएगा, जिसमें स्ट्रक्चर नहीं है।
  • या फिर नेशनल हाईवे के उस हिस्से की कुल लंबाई को 5 गुना किया जाएगा।
  • इन दोनों में से जो भी कम होगा, उसी के आधार पर टोल टैक्स लगेगा।

इसका मतलब है कि पुल, सुरंग या फ्लाईओवर के कारण लगने वाला टोल टैक्स अब पहले से काफी कम होगा।

मंत्रालय का उदाहरणमंत्रालय ने इसे और स्पष्ट करने के लिए एक उदाहरण दिया। मान लीजिए, नेशनल हाईवे का कोई हिस्सा 40 किलोमीटर का है और इसमें केवल स्ट्रक्चर (पुल, सुरंग आदि) हैं। इसकी गणना इस तरह होगी:

  • स्ट्रक्चर की लंबाई का 10 गुना: 10 x 40 = 400 किलोमीटर
  • या नेशनल हाईवे के हिस्से की कुल लंबाई का 5 गुना: 5 x 40 = 200 किलोमीटर

टोल टैक्स कम लंबाई यानी 200 किलोमीटर पर लगेगा, न कि 400 किलोमीटर पर। इस तरह यूजर को सड़क की लंबाई के केवल आधे हिस्से (50%) पर ही टोल देना होगा। इससे वाहन चालकों को पहले की तुलना में काफी कम टोल देना पड़ेगा।

पहले क्या था नियम?पहले के नियमों के मुताबिक, नेशनल हाईवे पर बने हर किलोमीटर के स्ट्रक्चर के लिए यूजर्स को 10 गुना ज्यादा टोल देना पड़ता था। उदाहरण के लिए, अगर किसी रास्ते पर 1 किलोमीटर का पुल था, तो उसके लिए 10 किलोमीटर के बराबर टोल वसूला जाता था। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले यह नियम इसलिए बनाया गया था क्योंकि पुल, सुरंग या फ्लाईओवर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने में ज्यादा लागत आती थी। लेकिन अब सरकार ने वाहन चालकों को राहत देने के लिए टोल की दरें कम कर दी हैं। इससे सफर करना पहले से सस्ता हो जाएगा।

नए नियम का फायदानए नियम के तहत, अगर आप किसी ऐसे हाईवे पर यात्रा कर रहे हैं जिसमें लंबी सुरंग या पुल है, तो आपको पहले की तुलना में कम टोल देना होगा। यह बदलाव खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो नियमित रूप से नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं, खासकर लंबी दूरी की यात्रा करने वालों के लिए। कम टोल टैक्स के कारण उनकी जेब पर कम बोझ पड़ेगा।

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