beneficial masala tea recipe for sore throat – बारिश का मौसम अपने साथ ठंडक, नमी और वायरल इंफेक्शन का खतरा भी साथ लाता है। खासकर गले में खराश, सूजन या थ्रोट-शॉर्ट जैसी समस्या आम हो जाती है। ऐसे में मसाला चाय एक घरेलू औषधि की तरह काम करती है। इसमें मौजूद मसाले जैसे अदरक, काली मिर्च, तुलसी और दालचीनी गले को राहत देते हैं, इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं और वायरल से लड़ने में मददगार होते हैं। आइए जानें इस बेनिफिशियल मसाला चाय की सरल और असरदार रेसिपी।
मसाला चाय रेसिपी गले की खराश के लिए Beneficial Masala Tea Recipe for Sore Throat
सामग्री – Ingredients
- पानी – 2 कप
- दूध – 1 कप (वैकल्पिक, चाहें तो स्किप कर सकते हैं)
- अदरक – 1 इंच टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- काली मिर्च – 5-6 दाने (कुटी हुई)
- तुलसी की पत्तियाँ – 6-8
- दालचीनी – 1 छोटी स्टिक
- लॉन्ग – 2
- इलायची – 2
- हल्दी – 1/4 छोटी चम्मच
- शहद या गुड़ – स्वादानुसार (शुगर की जगह)
मसाला चाय बनाने की विधि – Method
एक पैन में 2 कप पानी डालें और उसमें अदरक, तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, लॉन्ग, इलायची और हल्दी डालें।
इन सबको धीमी आंच पर 8-10 मिनट तक उबालें ताकि सारे मसालों का अर्क पानी में आ जाए। अब इसमें दूध डालें (अगर आप मिल्क टी पसंद करते हैं) और एक उबाल आने तक पकाएं। चाय को छानकर कप में निकाल लें। स्वादानुसार शहद या गुड़ मिलाकर गरम-गरम सेवन करें। (ध्यान दें: शहद कभी उबलते चाय में न मिलाएं, ठंडा होने पर डालें।)
बारिश में मसाला चाय पीने के फायदे – Benefits
- गले की सूजन और खराश में राहत : अदरक और तुलसी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं।
- इम्यूनिटी बूस्ट : काली मिर्च और दालचीनी वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
- डिटॉक्सिफिकेशन : हल्दी शरीर को अंदर से साफ करती है।
- नेचुरल एंटीबायोटिक : लॉन्ग और इलायची बैक्टीरिया को मारने में सहायक हैं।
- महत्वपूर्ण सुझाव – Tips
- दिन में 1-2 बार इस मसाला चाय का सेवन करें।
- बच्चों के लिए दूध कम और मसाले हल्के मात्रा में डालें।
- इस चाय को खाली पेट या शाम के समय पीना ज्यादा फायदेमंद है।
विशेष – Conclusion
बारिश के मौसम में गले की समस्याओं से निपटने के लिए यह मसाला चाय एक कारगर घरेलू उपाय है। प्राकृतिक मसालों से भरपूर यह चाय न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि आपकी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाती है। इसे अपनी डेली रूटीन में शामिल करके आप बदलते मौसम में भी स्वस्थ और एनर्जेटिक रह सकते हैं।