2019 के चुनाव में विंध्य में हुई बुरी हार कांग्रेस को डरा रही है

Himadri Singh BJP Shadol Lok Sabha:

Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चूका है. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जोरों शोरों लग गई है. पार्टी ने जिन्हे उम्मीदवार बनाया है वो गांव की पगडंडियों में बिना सफेद कुर्ते की टेंशन किए घूम रहे हैं. आए दिन ऐसी फोटो देखने को मिल रहीं हैं, जिनमे नेता आम लोगों से ऐसे गले मिलते दीखते है जैसे जन्मोजन्म का कोई रिस्ता हो. खैर ये रिस्ता जब तक चुनाव है तभी तक रहेंगे। फिर 5 साल आम जनता इनका रह तकती रहेगी नेताओं का कोई पता राता न रहेगा। खैर हम अपने विंध्य की राजनीति (Vindhya Politics) में लौटते हैं. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता को विंध्य में अपार समर्थन मिला था. पार्टी के नेता अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से आधे से ज्यादा मतों सी विजयी हुए थे, जो कांग्रेस का टेंशन बड़ा रही है.

60 फीसदी वोट हासिल किया था

Himadri Singh BJP Shadol Lok Sabha: बात 2019 लोकसभा चुनाव की करें तो विंध्य की चार लोकसभा सीट में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड शहडोल की सांसद हिमाद्री सिंह (Himandri Singh) के नाम पर है. जिन्होंने कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी को दो गुने से अधिक वोटों के अंतर से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. हिमाद्री सिंह को कुल मतदान का 60 फीसदी वोट मिला था. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 27 फीसदी मत ही मिल सके थे. अगर आंकडों की बात की जाए तो हिमाद्री सिंह को 747977 वोट मिले थे, दूसरे नंबर पर रहने वाली प्रमिला सिंह को मात्र 344644 वोट मिले थे और वह 402333 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव हार गई थी.

जनार्दन मिश्रा की भी जीत ऐतिहासिक

Janardan Mishra BJP Rewa Lok Sabha: इसके बाद विंध्य क्षेत्र की दूसरी बड़ी जीत रीवा के सांसद जर्नादन मिश्रा (Janardan Mishra) ने दर्ज की थी. उन्होंने भी कांग्रेस प्रत्याशी को दो गुने वोटों से भी अधिक के अंतर से हार के मुँह में ढकेल. रीवा सीट में बीजेपी के जर्नादन मिश्रा को 583770 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के सिद्धार्थ राज तिवारी को 270961 वोट मिले थे और वह 312808 वोटों के अंतर से हार गए थे.

रीति पाठक का भी जलवा कायम रहा

Sidhi Lok Sabha News; सीधी लोकसभा की बात करें तो 2014 में सतना सीट से चुनाव हारने वाले अजय सिंह, राहुल भइया को कांग्रेस आलाकमान ने 2019 के चुनाव में सीधी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. यहां अजय सिंह राहुल और उनके समर्थकों की लाख कोशिश के बाद भी इस सीट पर रीती पाठक का जलवा कायम रहा था. सीधी सीट से रीति पाठक ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए 698342 वोट प्राप्त किए थे जबकि कांग्रेस के अजय सिंह राहुल 411818 वोट ही पा सके और इस प्रकार लगभग 286524 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव हार बैठे थे.

सतना की सबसे बड़ी जीत हासिल कर चौथी बार सांसद बने गणेश सिंह

Ganesh Singh Satna Lok Sabha: यूं तो विंध्य क्षेत्र के सभी भाजपा प्रत्याशी 2019 के चुनाव में दो लाख वोटों के अधिक अंतर से जीते थे, लेकिन सतना सीट से जीत दर्ज करने वाले गणेश सिंह (Ganesh Singh) के नाम पर सतना सीट से सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड दर्ज है. वो ये चुनाव 231473 वोटों से जीतने में सफल रहे थे. बीजेपी के उम्मीदवार गणेश सिंह को कुल 588753 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस से राजाराम त्रिपाठी को 357280 वोट मिले थे. इस प्रकार से गणेश सिंह सतना के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए चौथी बार सांसद बने थे.

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