छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में ASP शहीद, कई पुलिसकर्मी घायल

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ASP Martyred in Naxalite Attack: ASP आकाश राव गिरीपुंजे नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए कोंटा-एर्राबोरा रोड पर पैदल गश्त कर रहे थे। इस दौरान हुए विस्फोट में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दुख जताया। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में बौखलाहट साफ दिख रही है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य के बीच, नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी अब सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं।

ASP Martyred in Naxalite Attack: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में सुरक्षाबलों को लगातार सफलता मिल रही है, जिसके चलते कई जिलों से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो चुका है। हालांकि, इस कार्रवाई से बौखलाए नक्सलियों ने सोमवार को सुकमा जिले में एक बड़ी घटना को अंजाम दिया। डोंड्रा गांव के पास हुए आईईडी विस्फोट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (कोंटा डिवीजन) आकाश राव गिरीपुंजे शहीद हो गए, जबकि कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए।

यह घटना सुबह 9 से 10 बजे के बीच उस समय हुई, जब सुरक्षाबल नक्सलियों द्वारा 10 जून को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर गश्त कर रहे थे। घायलों को तत्काल कोंटा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान ASP आकाश राव गिरीपुंजे ने दम तोड़ दिया। अन्य घायल पुलिसकर्मी फिलहाल खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

ASP की शहादत: एक बहादुर अधिकारी का बलिदान

ASP आकाश राव गिरीपुंजे नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए कोंटा-एर्राबोरा रोड पर पैदल गश्त कर रहे थे। इस दौरान हुए विस्फोट में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने उनकी शहादत पर दुख जताते हुए कहा, “ASP आकाश राव एक बहादुर अधिकारी थे, जिन्हें कई वीरता पुरस्कार मिले थे। यह हमारे लिए दुखद क्षण है।” घटना के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।

पहले भी हो चुके हैं घातक हमले

इससे पहले, 6 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले में नक्सलियों ने 60-70 किलोग्राम वजनी आईईडी विस्फोट कर 9 लोगों की जान ले ली थी, जिसमें 8 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक चालक शामिल थे। यह पिछले दो वर्षों में सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा हमला था। नक्सलियों द्वारा इस तरह के हमले राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों के लिए चुनौती बने हुए हैं।

नक्सलियों की बौखलाहट और चुनौतियां

सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों में बौखलाहट साफ दिख रही है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य के बीच, नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी अब सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं। सुरक्षाबल इस खतरे का मुकाबला करने के लिए सतर्कता और रणनीति के साथ अभियान चला रहे हैं।

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