Arvind Kejriwal Appealed to the Supreme Court for his Release : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने सीबीआई मामले में अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। हालांकि, अब सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद सीएम केजरीवाल की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के 5 अगस्त के फैसले पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया था कि उनकी गिरफ्तारी न तो अवैध थी और न ही बिना किसी उचित आधार के। हाईकोर्ट ने कहा था कि सीबीआई ने उनकी हिरासत और रिमांड को सही ठहराने के लिए ‘पर्याप्त सबूत’ पेश किए हैं।
CJI D.Y Chandrachud कर सकते हैं सुनवाई –
अरविंद केजरीवाल ने अब हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई की उम्मीद है। अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने इसी मामले में 26 जून को उन्हें हिरासत में ले लिया था।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग यानी पीएमएलए मामले में जमानत दे दी थी, हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 जून को इस आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां से उन्हें 12 जुलाई को अंतरिम जमानत मिल गई। हालांकि, इस बीच सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और फिलहाल वे तिहाड़ जेल में बंद हैं।
मानहानि मामले की भी होगी सुनवाई-
वहीं, सुप्रीम कोर्ट आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक और याचिका पर सुनवाई कर सकता है। इसमें उन्होंने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी का वीडियो ‘एक्स’ पर शेयर करने से जुड़े मानहानि मामले में जारी कई समन को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
खबर है कि जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की तीन जजों की बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर सकती है, जिसमें केजरीवाल ने माना है कि उन्होंने वीडियो शेयर करके ‘गलती’ की है। इससे पहले 11 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा था कि क्या वे मामले में शिकायतकर्ता से माफी मांगना चाहते हैं।
विकास सांकृत्यायन ने किया था यह दावा?
शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन ने दावा किया था कि जर्मनी में रहने वाले ध्रुव राठी ने ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2’ नाम से एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे। इस मामले में हाईकोर्ट ने सीएम केजरीवाल को समन जारी करने के 2019 के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।