भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने को सेना में शामिल होगी एके-203 असॉल्ट राइफल

इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) ने उत्तर प्रदेश के कोरवा में निर्मित सभी 6.01 लाख एके-203 असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति तय समय से लगभग 22 महीने पहले करने की योजना बनाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आईआरआरपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक मेजर जनरल एसके शर्मा ने बताया कि इन राइफलों की आपूर्ति दिसंबर 2030 तक ही पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी को 5,200 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत अक्टूबर 2032 तक भारतीय सशस्त्र बलों को एके-203 श्रृंखला की 6,01,427 राइफलों की आपूर्ति करनी है।

इसे यूपी के इसी शहर में तैयार किया जा रहा है।

शर्मा ने बताया कि अमेठी के कोरवा स्थित फैक्ट्री वर्ष 2026 से हर महीने 12,000 राइफलों का उत्पादन करेगी, ताकि आपूर्ति लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया जा सके। आधुनिक कलाश्निकोव श्रृंखला की राइफल एके-203 का इस्तेमाल नियंत्रण रेखा (LOC) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात सैन्य बलों के लिए मुख्य हथियार के रूप में किया जाएगा।

भारत और रूस ने संयुक्त रूप से इस राइफल का विकास किया है।

IRRPL का गठन भारत और रूस के बीच एक अंतर-सरकारी समझौते के तहत किया गया है। इस संयुक्त उद्यम में भारत की 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि रूस की 49.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लगभग 8.5 एकड़ के परिसर में संचालित इस उद्यम में वर्तमान में 260 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें स्थायी रूसी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। भविष्य में यह संख्या बढ़ाकर 537 की जाएगी, जिनमें से 90 प्रतिशत कर्मचारी स्थानीय होंगे।

हर साल 1.50 लाख राइफलें बनाई जाएँगी।

IRRPL ने अब तक 50 प्रतिशत स्वदेशीकरण हासिल कर लिया है और दिसंबर तक पहली पूर्णतः स्वदेशी एके-203 राइफल वितरित करने की योजना है। इसके बाद, वार्षिक उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1.5 लाख राइफलें कर दी जाएँगी। शर्मा ने कहा कि रूस से 100 प्रतिशत तकनीक हस्तांतरण हो चुका है और अब सभी परीक्षण भारत में ही किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि घरेलू माँग पूरी होने के बाद, मित्र देशों को भी एके-203 राइफलें निर्यात करने के लिए कदम उठाए जाएँगे। पहला निर्यात ऑर्डर जल्द ही मिलने की उम्मीद है। IRRPL का गठन वर्ष 2019 में रूसी साझेदारों रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कंसर्न कलाश्निकोव तथा भारतीय साझेदारों एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया था।

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