दिल्ली-मुंबई की हवा खराब! लेने जा रहे Air Purifier तो इन बातों का रखें ख्याल..

Air purifier

वैसे तो Air Purifier लेना उतना ही आसान है जितना मार्केट से कोई और प्रोडेक्ट। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है. Air Purifier लेते वक़्त साइज से लेकर फ़िल्टर, मेंटिनेंस, वारंटी अच्छे से जांच-परख लेना। तो आइये एक-एक करके सभी जरुरी बातें जानते हैं.

सर्दियों का आगमन भले ही अभी सही ढंग से नहीं हुआ हो, लेकिन प्रदुषण ने दस्तक दे दी है. राजधानी दिल्ली की एयर क्वालिटी (Delhi AQI) लगातार पांच दिनों से बहुत ख़राब बानी हुई है. बुधवार, 1 नवंबर को प्रदुषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. दिल्ली का एयर क्वालिटी सूचकांक (AQI) बुधवार सुबह 10 बजे 372 दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक है. 24 घंटे का औसत AQI मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था.

ये तो हुई दिल्ली की बात मुंबई में भी प्रदुषण स्तर (Mumbai AQI) बढ़ने लगा है. ऐसे बढ़ते प्रदुषण से बचने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर का होना बेहद जरुरी है. अब आते हैं अपने मेन टॉपिक में, जैसा की पहले भी हमने बताया कि वैसे तो Air Purifier लेना उतना ही आसान है जितना बाकि प्रोडक्ट को खरीदना। मगर कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है, वो क्या हैं? आगे सब बताते हैं.

साइज का ध्यान रखें

Air Purifier लेते समय यह ध्यान रखना होगा कि कितने बड़े स्पेस को प्यूरीफाई करना है. मतलब कि एक कमरा या एक हॉल या फिर पूरा घर. अब छोटा लिया तो आपके मन मुताबिक एरिया की एयर को प्यूरीफाई नहीं कर पाया तो दिक्कत और अगर बड़ा लिया तो बिजली की ज्यादा खपत. कुलमिलाकर माथा-पच्ची तो है. मार्केट में अलग-अलग साइज के एयर प्यूरीफायर मौजूद हैं. आप अपने कमरे के हिसाब से ले सकते हैं.

फ़िल्टर

एयर प्यूरीफायर का सबसे जरुरी हिस्सा, अगर ये गड़बड़ हुआ तो फिर गई भैस पानी में. अरे भाई रुकिए भैस गई पानी से मतलब है आपके पैसे गए पानी में. फ़िल्टर ही होता है, जो वातावरण में फैले धूल मिट्टी सोखने और बेक्टेरिया-वायरस को मारने का काम करता है. इसलिए भाईसाहब एयर प्यूरीफायर का चुनाव करते समय ये जरूर जान लें कि उसमें हाई क्वालिटी के फिल्टर्स का इस्तेमाल किया गया है कि नहीं।

CADR (Clean Air Delivery Rate)

CADR बोले तो क्लीन क्वालिटी एयर डिलीवरी रेट. इसे अंतर्राष्ट्रीय फॉर्मूले के आधार पर ये जाना जा सकता है कि कोई प्रोडक्ट एक मिनट में कितने स्क्वायर फीट एरिया की हवा को प्यूरीफाई करेगा। एक्सपर्ट के मुताबिक CADR जितना ज्यादा उतना अच्छा. मोटा-माटी ऐसे समझते हैं कि कमरे के क्षेत्रफल का दो तिहाई (⅔) यानी 66-67 फीसदी. गणित और आसान कर देते हैं. मान लेते हैं कि एक कमरा 10 बाय 10 फीट, मतलब 100 स्क्वायर फीट का है तो एयर प्यूरीफायर में CADR रेटिंग 67 होनी चाहिए.

Air Purifier का चुनाव करते समय इसका विशेष ध्यान रखिये कि आपका प्यूरीफायर जो रेटिंग दे रहा है वो आपके एरिया के अनुसार सही हो. प्यूरीफायर डिस्क्रिप्शन में इसके बारे में लिखा रहता है और पुरीफयेर यूनिट में लगी डिस्प्ले पर भी हर समय डिस्प्ले होता रहता है.

मेंटेनेंस

एक बढ़िया प्यूरीफायर में कई सारे फ़िल्टर का इस्तेमाल किया जाता है. कई प्यूरीफायर में ये अलग-अलग होते हैं, और कई में तो एक ही फ़िल्टर सारे काम कर के देता है. तो जान लें कि आपका प्यूरीफायर कितने फ़िल्टर वाला है. एयर प्यूरीफायर खरीदते समय ये भी जान लें कि उसके फ़िल्टर को कितने समय में साफ करने या बदलने की जरुरत और खर्च कितने का आएगा फ़िल्टर चेंज करते समय पता चलता है कि फ़िल्टर चेंज करवाने में ही इतना खर्च आ रहा है कि उसका दाम औसत दर्जे के प्यूरीफायर जितना है.

वारंटी का जुगाड़ क्या है?

एयर प्यूरीफायर लेते समय वारंटी का विशेष ध्यान रखे. इसमें आपका लॉन्ग टाइम फायदा होगा। अगर वारंटी मात्र 4 से 5 महीने की होगी तो आपको अगले सीजन में परेशानी आ सकती है. कुछ कंपनी तो वारंटी के साथ लेबर चार्ज भी 2 से 3 साल फ्री रखती हैं. अब ऐसे में कंजूसी नहीं करनी है अगर कुछ पैसे ज्यादा खर्च करके एक्स्ट्रा वारंटी मिले तो लपक लेना है.

इसके साथ कुछ और बातों का ध्यान भी रखें. जैसे प्यूरीफायर हमेशा अच्छी और स्थापित कंपनी का ही खरीदें. सस्ते के चक्कर में जब दिक्कत आती है तो पता चलता है कि कंपनी अपना डेरा उठाकर गायब है. इसके साथ सिर्फ हवाबाजी के लिए प्यूरीफायर नहीं खरीदना है. मतलब अगर वाकई में जरूरत है तो लेना नहीं तो नहीं.

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