आगरा। उत्तर-प्रदेश के आगरा की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 5 वर्षीय मासूम के साथ सामूहिक दुर्ष्कम एवं निर्दयता पूर्वक की गई हत्या के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है तथा आरोपियों पर 4.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद, अदालत परिसर में भीड़ जमा हो गई, और पीड़ित परिवार ने संतोष व्यक्त किया।
अदालत ने इस अपराध को जघन्य माना
मासूम को न्याय देते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए गए अमित और निखिल को न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने फांसी की सजा मुकर्रर कर दी है। अदालत ने इस अपराध को जघन्य माना। खास बात यह है कि मासूम के साथ जिस तरह की घटना हुई, इस घटना को न सिर्फ पुलिस ने गंभीरता से लिया बल्कि अदालत में भी पूरे मामले की तेजी के साथ सुनवाई करके घटना के महज 18 से 19 माह में ही आगरा की कोर्ट ने पीड़िता को न्याय दे दिया और दोषियों को फांसी दी है।
यह थी घटना
जानकारी के तहत 18 मार्च 2024 में बाह थाना क्षेत्र के एक गांव में घर के बाहर खेल रही बालिका को उसके रिश्ते के चाचा अमित और उसका साथी निखिल बहला कर बाइक पर बिठा कर ले गए। हैवानियत की पराकाष्ठा पार करते हुए बालिका के साथ गलत काम किए। राक्षसों की तरह बालिका के शरीर को नोचते हुए प्राकृतिक और अप्राकृतिक तरीके से दुष्कर्म किया। बच्ची को यातनाएं देते हुए उसकी हत्या कर शव को खेत में छिपा दिया था।
