Agni Prime Missile Launch From Train Video: भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाला एक धमाकेदार कदम उठाया है। चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से पहली बार ट्रेन पर सवार होकर अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण न सिर्फ भारत की तकनीकी मास्टरी का प्रतीक है, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान की आंखों में धूल झोंकने वाला भी साबित हो रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह मिसाइल अब अंधेरी रातों या कोहरे भरी स्थितियों में भी दुश्मन के छक्के छुड़ाने को तैयार है!
ट्रेन पर ‘फायर रेडी’: दुनिया का चौथा देश बना भारत
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की मेहनत रंग लाई है। खास तौर पर डिजाइन की गई स्पेशल ट्रेन से लॉन्च की गई अग्नि-प्राइम (Agni-Prime launched by special train)ने 2000 किलोमीटर की रेंज के साथ परफेक्ट हिट रिकॉर्ड किया। यह दो-स्टेज सॉलिड फ्यूल वाली मिसाइल है, जो न्यूक्लियर वारहेड ले जाने में सक्षम है। कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम की वजह से इसे देश की किसी भी रेल लाइन पर आसानी से तैनात और दागा जा सकता है बिना ज्यादा तैयारी के!
रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया के बाद भारत अब रेल-बेस्ड कैनिस्टराइज्ड मिसाइल लॉन्च सिस्टम वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम दुश्मन की जासूसी को चकमा देने में माहिर है। ट्रेन की मोबिलिटी से मिसाइल को ‘हिट एंड रन’ स्टाइल में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो सीमा पर तैनाती को और मजबूत बनाएगा।
पाकिस्तान की चिंता: ‘बलूचिस्तान से दिल्ली तक’ का खतरा
इस परीक्षण की खबर जैसे ही फैली, पाकिस्तान के सैन्य हलकों में हड़कंप मच गया। अनौपचारिक सूत्रों के मुताबिक, इस्लामाबाद में इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई। अग्नि-प्राइम की 2000 किमी रेंज पाकिस्तान के बड़े हिस्से को कवर कर लेती है. कराची से लाहौर तक, बलूचिस्तान से इस्लामाबाद तक। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे ‘भारतीय आक्रामकता’ बताते हुए चेतावनी जारी की, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारत की यह क्षमता अब शांति का संदेश दे रही है: ‘हमारी ताकत पर नजर रखो, लेकिन उंगली उठाने की हिम्मत मत करना!’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परीक्षण के बाद कहा, “यह भारत की स्वदेशी तकनीक का जीत का परचम है। DRDO के वैज्ञानिकों ने अग्नि-4 और अग्नि-5 की तकनीक को मिलाकर यह चमत्कार रचा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सिस्टम अब भारतीय सेना की ‘मोबाइल स्ट्राइक फोर्स’ का हिस्सा बनेगा।
अब ड्रोन से मिसाइल फिर हाइपरसोनिक का लॉन्च
यह परीक्षण 2025 का तीसरा बड़ा मिसाइल टेस्ट है। जुलाई में DRDO ने ड्रोन से मिसाइल दागने का रिकॉर्ड बनाया था। आने वाले दिनों में हाइपरसोनिक मिसाइलों पर फोकस बढ़ेगा। लेकिन फिलहाल, अग्नि-प्राइम ने साबित कर दिया – भारत अब सिर्फ रक्षक नहीं, बल्कि रणनीतिक सुपरपावर है!