एक तरफ जहां देश की राजधानी इन दिनों प्रदूषण से परेशान है, अब इस पर राजनैतिक दलों द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी भी इसमें देखने को मिली। अब इतना सब देखने के बाद ये सवाल उठता है कि क्या है मध्यप्रदेश की राजधानी का हाल?
एक तरफ जहां देश की राजधानी इन दिनों प्रदूषण से जूझ रही है. वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का भी है. चूंकि इन दिनों मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल चल रहा है. लेकिन दूसरी तरफ नई समस्या राजधानी में जन्म ले चुकी है. धीरे-धीरे भोपाल की हवा प्रदूषित होना शुरू हो गई है.
करीब 6 माह बाद भोपाल में AQI (Air Quality Index) माड्रेट से पूअर में पहुंच गया है. इसके चलते भोपाल (लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर्यावरण परिसर) प्रदेश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है. सोमवार को भोपाल का AQI-310 दर्ज किया गया है. इसी समय ग्वालियर(लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम महाराज वाड़ा) का 338 AQI दर्ज किया गया है. इसके चलते पिछले कुछ दिन से भोपाल में पॉल्यूशन अब लाल रेखा की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है.
सर्दियों में बढ़ता है प्रदूषण
पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि ठण्ड के सीजन में आमतौर पर AQI बढ़ता है. ठण्ड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें एक्सपेंड नहीं हो पाती हैं बल्कि वायुमंडल में ठहरी रहती हैं. जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस व धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं, उससे AQI बढ़ता है.
हर साल कितना रहा AQI?
साल 2022 में लाल रेखा के पार पहली बार AQI 1 नवंबर को 312 दर्ज किया गया था.
साल 2021 में 10 नवंबर को 312 दर्ज किया गया था.
साल 2020 में नवंबर के दूसरे सप्ताह में AQI 305 पर पहुंच गया था.
साल 2019 में AQI 260 से अधिक नहीं दर्ज किया गया था.
क्यों बढ़ा AQI?
अक्सर ठंड बढ़ने से वायुमंडल के डस्ट पार्टिकल एक्सपेंड नहीं हो पाते हैं. इसीलिए AQI में बढ़ोतरी होती है. वहीं हम यह भी कह सकते हैं कि वायुमंडल में नमी भी कम हुई है. इसका भी सीधा असर होता है. कई बार प्रदूषण एक दम उठता और गिरता है. इसका मुख्य कारण विंड प्रेशर या विंड विलोसिटी होती है.