रीवा। शहर के र्स्पोट काम्पलेक्स में बुधवार को रीवा पुलिस के द्वारा नशे से दूरी है जरूरी पखवाड़े का समापन मानव श्रृखला बनाकर किया गया। इस दौरान बच्चों को नशा से होने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी पुलिस अधिकारियों के साथ ही नुक्कड़ नाटक के कलाकारों के द्वारा दिया गया। नुक्कड़ नाटक में नशा सौदागर के साथ ही शराब, तम्बाकू, पान, सिगरेट आदि सभी तरह के नशा को प्रदर्शित किया गया और कलाकारों ने प्रत्येक नशा की ताकत और उसके दुष्प्रभावों को बताया।
पुलिस अधिकारियों ने किया आवाहन
कार्यक्रम में उपस्थित आईजी गौरव राजपूत, डीआईजी राजेश सिह, एसपी विवेक सिह एवं नशा मुक्ति अभियान चलाने वाले सुजीत द्विवेदी ने बताया कि नशा जीवन के लिए अभिशाप है और यह तीन पीढ़ियों को खराब कर देता है। उन्होने मानव श्रृखला बनाकर बैठे बच्चों और युवाओं से कहा कि वे नशा की बुराई को समझे और अपने घरवालों के साथ अन्य लोगो को बताए कि नशा करना कितना खराब है। इससे सामाजिक, आर्थिक एवं तरह-तरह से छति होती है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश पुलिस के आवाहन पर रीवा पुलिस ने भी नशा से दूरी है जरूरी पखवाड़ा चलाया और इसकी शुरूआत शहर में मैराथन दौड़ से किया था। पुलिस ने साइकिल से जन जागरूकता रैली निकाली, साथ स्कूल कॉलेजों में नशा न करने की शपथ दिलाई गई।
इस तरह की होती है बीमारी
नशे की लत कई मायनों में खतरनाक हो सकती है। यह मन और शरीर को नुकसान पहुँचा सकती है – जिससे हेपेटाइटिस सी जैसी संक्रामक बीमारियाँ, दौरे पड़ना और यहाँ तक कि आत्महत्या के विचार जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। इसलिए मदद लेते समय, सही इलाज, सहायता और परामर्श लेना ज़रूरी है। यही नही अत्यधिक आक्रामकता वाला नशा हिंसात्मक कृत्यों को जन्म दे सकता है। अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों का बिगड़ना रू कुछ पदार्थों के नशे से अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां बिगड़ सकती हैं, जैसे हृदय संबंधी समस्याएं या मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां।
समझे नशा
नशा एक अस्थायी और प्रतिवर्ती स्थिति है जो किसी व्यक्ति द्वारा शराब या नशीली दवाओं जैसे कुछ पदार्थों के सेवन के बाद केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है । नशा निर्णय क्षमता, स्पष्ट रूप से सोचने की क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करता है। नशा, सीएनएस पर दवाओं की क्रिया द्वारा उत्पन्न व्यवहारिक या मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के एक प्रतिवर्ती पैटर्न को संदर्भित करता है। नशीली दवाओं की लत, जिसे पदार्थ उपयोग विकार भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित करती है और वैध या अवैध नशीली दवाओं या औषधियों के उपयोग को नियंत्रित करने में असमर्थता का कारण बनती है। शराब, मारिजुआना और निकोटीन जैसे पदार्थों को भी मादक पदार्थ माना जाता है।