अडानी समूह की जेपी ग्रुप खरीदने की पेशकश, मुनाफे का सौदा या जोखिम भरा दांव?

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Gautam Adani/JP Group: गौतम अडानी की अगुवाई वाला अडानी समूह ने भारी कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेपी ग्रुप) को खरीदने में रुचि दिखाई है। समूह ने बिना किसी शर्त के इस सौदे को पूरा करने का प्रस्ताव दिया है। यदि यह सौदा सफल होता है, तो इससे न केवल जेपी ग्रुप के मकान खरीदारों को राहत मिलेगी, बल्कि भारी कर्ज के बोझ तले दबे बैंकों को भी बड़ा फायदा होगा।

Gautam Adani/JP Group: एक समय दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई बड़े शहरों में इन्फ्रा प्रोजेक्ट चलाने वाली कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेपी ग्रुप) अब दिवालिया हो चुकी है। कंपनी पर करीब 57,185 करोड़ रुपये का कर्ज है, और एनसीएलटी ने उसकी संपत्तियां बेचकर कर्ज चुकाने का आदेश जारी किया है। इस बीच, खबर है कि गौतम अडानी की अगुवाई वाला अडानी समूह ने बिना किसी शर्त के जेपी ग्रुप को खरीदने का प्रस्ताव दिया है। इससे लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या यह सौदा अडानी समूह के लिए फायदेमंद होगा या घाटे का?

जेपी ग्रुप के पतन की कहानी

जेपी ग्रुप का पतन अंधाधुंध कर्ज लेने से शुरू हुआ। समूह ने बैंकों से भारी-भरकम कर्ज लिया, लेकिन इसका उपयोग अपने प्रोजेक्ट्स में करने के बजाय अन्य क्षेत्रों में खर्च किया। नतीजतन, बैंकों का बकाया बढ़ता गया और लगातार डिफॉल्ट के कारण कंपनी दिवालिया हो गई। कंपनी पर सबसे ज्यादा कर्ज सरकारी बैंकों का है।

रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स

जेपी ग्रुप को खरीदने पर अडानी समूह को कई प्रमुख संपत्तियां हासिल होंगी। इनमें यमुना एक्सप्रेसवे सबसे अहम है। इसके अलावा, जेपी ग्रीन्स जैसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं। ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स एक प्रमुख रियल एस्टेट प्रोजेक्ट है, जिसमें आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां हैं। नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन, एक बड़ा टाउनशिप प्रोजेक्ट, अभी अधूरा है। अगर अडानी समूह यह सौदा पूरा करता है, तो इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का मौका मिलेगा।

इन्फ्रा और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स

जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी, जो जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक स्पोर्ट्स और रियल एस्टेट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है, भी इस सौदे का हिस्सा होगा। दिल्ली-एनसीआर में तीन प्रमुख वाणिज्यिक/औद्योगिक कार्यालय संपत्तियां हैं, जो किराए या पुनर्विकास के लिए मूल्यवान हो सकती हैं। ये सभी संपत्तियां अडानी समूह को मिलेंगी।

सीमेंट कारखाने और खदानें

यह सौदा अडानी समूह के लिए सीमेंट उद्योग में विस्तार का बड़ा मौका देगा। जेपी ग्रुप के पास मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट कारखाने हैं, जो फिलहाल बंद पड़े हैं। सौदा पूरा होने पर इन कारखानों को फिर से शुरू किया जा सकता है, जिससे अडानी समूह की अंबुजा और एसीसी जैसी सीमेंट कंपनियों को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में जेपी ग्रुप की पट्टे पर ली गई खदानें सीमेंट उत्पादन के लिए कच्चा माल उपलब्ध करा सकती हैं।

हॉस्पिटैलिटी और अन्य बिजनेस

जेपी ग्रुप के पास दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में पांच होटल संपत्तियां हैं। इस सौदे से अडानी समूह के पोर्टफोलियो में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भी जुड़ जाएगा। साथ ही, जेपी ग्रुप का इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन बिजनेस भी अडानी के लिए फायदेमंद हो सकता है। जेपी ग्रुप की सहायक कंपनी जयप्रकाश पावर वेंचर्स में 24% हिस्सेदारी है, जो बिजली उत्पादन में सक्रिय है। यह अडानी पावर के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकती है।

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