Adani Scam : खरबपति गौतम अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क में अरेस्ट वारंट जारी हो गया है. अडानी पर 22 अरब रुपए यानी लगभग 265 मिलियन डॉलर साफ़ – साफ़ कहें तो 2200 करोड़ रुपए की रिश्वत देने या देने की योजना बनाने के आरोप लगे हैं. यूएस अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा एक कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारीयों को 265 मिनियन डॉलर की रिश्वत दी है या फिर देने जा रहे थे. अमेरिकी न्याय विभाग ने इस फ्रॉड में अडानी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. विभाग का कहना है कि इस केस में गौतम अडानी , उनके भतीजे सागर अडानी सहित 7 बड़े वयवसायिक अधिकारी शामिल हैं .
अडानी के खिलाफ गिरफ़्तारी वांरट
ये पूरा मामला अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से जुड़ा हुआ है. बीते बुधवार को ही अडानी ने 20 Year Green Bond की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 5000 करोड़ रुपए जुटाने की घोषणा की थी . इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद उनपर धोखाधड़ी के आरोप लग गए. 24 अक्टूबर को यह मामला US कोर्ट में दर्ज हुआ जिसकी सुनवाई बुधवार को हुई.
अडानी स्कैम का पूरा मामला
इस मामले में गौतम अडानी , भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता , साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रुपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है. आरोप है कि अडानी समेत सभी आरोपी सरकार के सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारीयों को 250 मिलियन की रिश्वत देने को तैयार हुए थे. इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान था. अडानी ने स्कीम आगे बढ़ाने के लिए सरकारी अधिकारीयों से मुलाकात की, जबकि सागर और विनीत ने स्कीम पर काम करने के लिए कई मीटिंग्स की, कोर्ट ने कहा कि साइरिल कैबेनिस और रुपेश अग्रवाल ने ब्राइबारी स्कीम में ग्रैंड ज्यूरी , FBI और US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की जांच रोकने की साजिश रची. इन लोगों ने स्कीम से जुड़े ईमेल , मैसेसेज और एनालिसिस मिटाए। बताया गया कि अडानी ग्रीन एनर्जी ने कॉन्ट्रैक्ट के तहत फंड देने के लिए अमेरिकी इन्वेस्टर्स और इंटरनेशनल्स लैंडर्स से 3 बिलियन डॉलर की रकम जुटाई थी.
अडानी पर क्या आरोप हैं ?
अडानी पर आरोप हैं कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अडानी के खिलाफ अमेरिका में मामला दर्ज इस लिए हुआ क्योंकि इस प्रोजेक्ट में अमेरिकी निवेशकों का पैसा लगा हुआ है और अमेरिकी कानून के तहत निवेशकों से मिले पैसों को रिश्वत के रुप में देना अपराध है.
अडानी सहित 7 के खिलाफ न्यूयॉर्क में गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ तो कांग्रेस प्रधान मंत्री पर हमला करने लग गई. जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि ये सब प्रधान मंत्री के संरक्षण में हो रहा है. भारत की जांच एजेंसियां बीजेपी के कब्जे में हैं. उन्होंने कहा कि अब SEBI में नया हेड अपॉइंट करना चाहिए जो अडानी मैगसकाम की जांच करे साथ ही इस मामले में लिए JPC जांच बेठानी चाहिए।
अडानी मामले में क्या बोली कांग्रेस
इस मामले में LOP राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, उन्होने कहा कि गौतम अडानी को गिरफ्तार कर उनकी इन्वेस्टिगेशन की जानी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि जो भी इस स्कैम में शामिल है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए मगर ये इन्वेस्टिगेशन अडानी की गिरफ़्तारी से शुरू होनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि हमने ये प्रूव कर दिया है कि मोदी – अडानी एक ही हैं और मोदी करप्ट हैं. हमने नरेंद्र मोदी की क्रेडिबिलिटी को चूर – चूर कर दिया है.
यहां ध्यान देने वाली ये है कि विपक्ष अडानी पर लगे आरोपों के आधार पर पीएम मोदी को निशाने पर ले रहा है, उन्हें भ्रष्ट बता रहा है. लेकिन लेकिन US गवर्नमेंट ने आरोप लगाया है कि अडानी ने जुलाई 2021 से लेकर फरवरी 2022 तक ओडिशा , जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु , छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के सरकारी अधिकारीयों को प्रोजेक्ट्स के लिए रिश्वत देने का वादा किया था. तब जम्मू कश्मीर में कोई राज्य सरकार नहीं थी, मगर ओडिशा में BJD , तमिलनाडु में इंडि दल की पार्टी DMK , छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, और आंध्रप्रदेश में YSRCP की सरकार थी. इनमे से तब किसी राज्य में बीजेपी या NDA दल की सरकार नहीं थी.
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी को भ्रष्ट कहा और खुद को डिफेंड करने के लिए ये भी कहा कि जो – जो इसमें इन्वलोवड हैं उनपर एक्शन होना चाहिए लेकिन जांच अडानी से शुरू होनी चाहिए। मगर राहुल ने छत्तीसगढ़ के पुर्व सीएम भूपेश सिंह बघेल, तमिलनाडु के सीएम MK स्टालिन, आंध्र के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी, और ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक का नाम नहीं लिया। अगर अमेरिकी न्याय विभाग के आरोप सही हैं, अगर अडानी ने रिश्वत देने की कोशिश की है तो वह कांग्रेस और कांग्रेस के सहयोगी दलों की सरकारों को के अधिकारीयों को दी है.
खैर इस मामले में अडानी ग्रुप का भी बयान सामने आया है. अडानी ग्रुप के स्पोक्स परसन ने मीडिया स्टेटमेंट जारी करते हुए US डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस , और US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज के आरोपों को नकारते हुए इन्हे निराधार बताया है.
अडानी को फंसाने डीप स्टेट की साजिश
सोशल मीडिया में कुछ लोगों का कहना है कि ये सब डीप स्टेट से जुड़े लोगों को करतूत है जो भारत के शेयर मार्केट को किसी भी हाल में तोडना चाहते हैं और इसमें विपक्ष की बड़ी भूमिका है. इसके अलावा संसद के शीतकालीन स्तर को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. लोगों का मानना है कि अमेरिका का डीप स्टेट तंत्र दो साल से अडानी को डुबाने में जुटा हुआ है क्योंकि वो भारत के फाइनेंशियल स्ट्रक्चर को तोडना चाहते हैं. क्योंकी अडानी ट्रम्प के समर्थक हैं और राष्ट्रपति की कुर्सी में बैठते ही डीप स्टेट के तंत्र को तोड़ने वाले हैं इस लिए भी अडानी निशाने पर हैं.
लोगों का मानना है कि यूक्रेन को रशिया पर हमला करने के लिए अमेरिकी मिसाइल इस्तेमाल की इजाजत देना, भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाना, मणिपुर में फिर से हिंसा शुरू करवाने के पीछे डीप स्टेट का ही हाथ है जो ट्रम्प की जीत से बोखायला हुआ है. खैर अडानी के खिलाफ ऐसे आरोप लगने के बाद अडानी ग्रुप के सभी शेयर देखने लायक बचे ही नहीं हैं. आदमी ग्रुप के शेयर्स में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इससे करीब 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और लाखों निवेशकों के अरबो रुपए डूब गए हैं. बहरहाल अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ अडानी ग्रुप अब अमेरिकी कोर्ट में खुद को डिफेंड करेगा, जांच होगी फिर नतीजा सामने आएगा। हमें उम्मीद है आपको ये जानकारी पसंद आई होगी , शब्द साँची इस घटना से जुडी अहम जानकारी आपतक पहुंचाता रहेगा।