BANGLADESH में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में उतरे शिक्षाविद और इतिहासकार

Violence in Bangladesh protests: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। हिंदुओं के घरों के साथ-साथ मंदिरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। पड़ोसी देश में अब अंतरिम सरकार बन गई है, लेकिन वह भी मूकदर्शक बनी बैठी है।

Academics and historians came out in protest against the atrocities being committed on Hindus in Bangladesh ,हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में उतरे शिक्षाविद और इतिहासकार

इस बीच, विभिन्न शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने हिंदुओं के खिलाफ इस हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है। इन लोगों ने भारतीय संसद को एक खुला पत्र लिखकर हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की मांग की है।

खुले पत्र में क्या मांग की गई?

इस खुले पत्र में भारतीय संसद से हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ प्रस्ताव लाकर हमलों को रोकने की मांग की गई है। साथ ही अपराधियों को जल्द पकड़ने की भी मांग की गई है। पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी हस्ताक्षरकर्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिखा है। हाल की घटनाओं ने क्षेत्र में हिंदुओं के खिलाफ लक्षित हिंसा के एक नए और खतरनाक पैटर्न की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है।

हिंदुओं की हत्या का जश्न मनाया जा रहा है

पत्र में कहा गया है कि हम बहुत परेशान करने वाली घटनाएं देख रहे हैं, जिसमें मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर को जलाना, देश भर में कई हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और हिंदुओं की हत्या का जश्न मनाने वाले दंगाइयों के वीडियो शामिल हैं।

पत्र में यह भी कहा गया है कि यह दुखद है कि बांग्लादेश में हिंदू आबादी को बार-बार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। जब भी राजनीतिक अस्थिरता होती है, हिंसा बढ़ जाती है। 1971 में जब बांग्लादेश बना था, तब से पाकिस्तानी शासन ने लाखों हिंदुओं की हत्या की है।

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