Kejriwal Bail : केजरीवाल की जमानत पर अभिषेक मनु सिंघवी ने दी जबरदस्त दलीलें, जानें क्या थीं दलीलें?

Kejriwal Bail : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर इस समय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अरविंद केजरीवाल पर ईडी द्वारा पीएमएलए की धाराओं के तहत दिल्ली शराब घोटाला मामले और सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में आरोप लगाए गए हैं।

केजरीवाल को ईडी मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। आज (5 सितंबर) सीबीआई मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई मजबूत दलीलें देकर केजरीवाल के लिए जमानत की मांग की है।

वहीं सीबीआई के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत को लेकर सबसे बड़ी आपत्ति यह जताई है कि केजरीवाल ट्रायल कोर्ट को दरकिनार कर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों गए। मामले में अभी जिरह जारी है।

पढ़िए कोर्ट में क्या चल रही है बहस… सिंघवी ने ये दलीलें दीं।

1: सिंघवी ने अपनी दलीलें इस बात से शुरू की कि शायद यह पहला मामला है जिसमें मेरे पास दो जमानत आदेश और एक नियमित जमानत है लेकिन अभी तक रिहा नहीं हुआ हूं।

2: सिंघवी ने आगे कहा, सीबीआई ने मुझे बीमा के लिए गिरफ्तार किया, जो दो साल से नहीं हुआ था। फिर जज ने पूछा कि आरोप क्या हैं? इस पर सिंघवी ने कहा, पीसी एक्ट…मेरा नाम एफआईआर में नहीं था। मुझे अप्रैल 2023 में पूछताछ के लिए गवाह के तौर पर बुलाया गया था।

3: फिर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 14 अप्रैल को आपको 160 का नोटिस मिला, आप सीबीआई के सामने पेश हुए। फिर सिंघवी ने कहा, यह केस सिर्फ सीबीआई का केस है। केजरीवाल को मार्च 2024 में ईडी ने गिरफ्तार किया था, सीबीआई ने नहीं।

4: सिंघवी ने आगे कहा, तब तक सीबीआई ने कोई गिरफ्तारी नहीं की थी। ईडी की गिरफ्तारी के बाद दो जमानत आदेश आ चुके हैं। इसके बाद सिंघवी ने यह भी कहा कि आज सिर्फ ट्रिपल टेस्ट है। केजरीवाल को पीएमएल केस में ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत भी मिल चुकी है, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस तरह से कुल तीन आदेश केजरीवाल के पक्ष में आ चुके हैं।

5: इसके बाद जस्टिस कांत ने सिंघवी से पूछा कि आपकी तारीखों में सीरियल नंबर 29 क्या है? फिर सिंघवी ने कहा, यह मौजूदा गिरफ्तारी है। सिंघवी ने केजरीवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक और आदेश का हवाला भी दिया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच ने कहा था कि, ‘जीवन का अधिकार पवित्र है और केजरीवाल 90 दिनों से ज़्यादा समय से जेल में हैं।

6: इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि जब आपको गिरफ़्तार नहीं किया जाता है तो गिरफ़्तारी के लिए अनुमति की ज़रूरत होती है। तब सिंघवी ने कहा कि चलिए इस मामले को छोड़ देते हैं लेकिन मुद्दा यह है कि उन्होंने दो साल तक गिरफ़्तारी नहीं की।

7: सिंघवी ने यह भी कहा कि सीबीआई के पास जनवरी में मगुंटा रेड्डी द्वारा दिए गए बयान के अलावा कोई नया सबूत नहीं है।

8: सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने वेकेशन जज के सामने हिरासत की मांग की और वह भी सिर्फ़ इस आधार पर कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं और अजीब जवाब दे रहे हैं।

9: सिंघवी ने बताया कि मैं 1 जुलाई से हाईकोर्ट में हूँ। दो रिट याचिकाएँ थीं, उन पर कार्रवाई हुई लेकिन ज़मानत नहीं मिली। मुझे वापस ट्रायल कोर्ट भेजने का क्या मतलब था?

10: सिंघवी ने आगे अपने भागने के जोखिम के बारे में तर्क दिया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति विदेश कैसे भाग सकता है। सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। लाखों दस्तावेज हैं और मनीष सिसोदिया के फैसले में इस पर चर्चा की गई है।

11: सिंघवी ने आगे कहा, सबसे बड़ी बात यह है कि यह मामला धारा 45 के तहत है और इसमें केजरीवाल को तीन बार जमानत मिल चुकी है।

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