MP BJP State President Election Date: अगले महीने मध्य प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान 1 या 2 जुलाई को भोपाल आएंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सहमति न बन पाने के कारण चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदले हालात के चलते यह प्रक्रिया अनौपचारिक रूप से स्थगित हो गई थी।
MP BJP State President Election Date: पिछले छह महीनों से मध्य प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चल रहा असमंजस अब खत्म होने जा रहा है। अगले महीने मध्य प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान 1 या 2 जुलाई को भोपाल आएंगे, हालांकि उनकी यात्रा की तारीख अभी तय नहीं है।
केंद्रीय नेतृत्व जारी करेगा चुनाव कार्यक्रम
बीजेपी के केंद्रीय चुनाव अधिकारी जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम जारी करेंगे। यह कार्यक्रम आज या कल घोषित हो सकता है। इसमें नामांकन दाखिल करने, स्क्रूटनी, नाम वापसी और निर्वाचन की तारीखों का पूरा शेड्यूल शामिल होगा।
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में दावेदार सक्रिय
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सहमति न बन पाने के कारण चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदले हालात के चलते यह प्रक्रिया अनौपचारिक रूप से स्थगित हो गई थी। अब स्थिति सामान्य होने के बाद संगठन चुनाव की प्रक्रिया फिर शुरू हो रही है। इस बीच, प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल दावेदारों ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।
हेमंत खंडेलवाल का दावा सबसे मजबूत
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल सबसे आगे हैं। खंडेलवाल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समर्थन प्राप्त है, जिससे उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
ब्राह्मण चेहरे की संभावना, चार दावेदार मैदान में
यदि पार्टी फिर से ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाती है, तो पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा प्रमुख दावेदार हैं। उनके अलावा विधायक व पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, सांसद आलोक शर्मा और जबलपुर सांसद आशीष दुबे भी रेस में हैं। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल भी इस पद के लिए अंदरखाने सक्रिय हैं।
दलित या आदिवासी नेता को मिल सकती है कमान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति अंबेडकर के मुद्दे पर केंद्रित हो गई है। ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर प्रतिमा विवाद के कारण दलित और आदिवासी वर्ग में नाराजगी है। ऐसे में पार्टी दलित या आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
आदिवासी दावेदारों में ये नाम
आदिवासी नेताओं में खरगोन सांसद गजेंद्र सिंह पटेल प्रमुख दावेदार हैं। उनके अलावा मंडला सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, विधायक कुंवर सिंह टेकाम और राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी भी इस रेस में शामिल हैं। मध्य प्रदेश में 22% आदिवासी आबादी को देखते हुए आदिवासी नेता की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
एससी वर्ग के दावेदार
अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, जतारा विधायक हरिशंकर खटीक और देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी इस दौड़ में शामिल हैं।
ठाकुर नेताओं की दावेदारी भी मजबूत
2006 से 2020 तक ठाकुर नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष पद पर प्राथमिकता मिलती रही है, और इस दौरान बीजेपी को चुनावों में अच्छे परिणाम भी मिले। इस ट्रेंड को देखते हुए ठाकुर नेताओं की दावेदारी भी मजबूत है। पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया और विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह इस रेस में शामिल हैं।