India को Bharat बनाने में 14 हजार करोड़ खर्च करने पड़ेंगे!

संविधान में India और Bharat को एक ही बताया गया है. विपक्षी गठबंधन को सिर्फ ‘भारत’ नाम से एतराज होने लगा है. अभी तक सरकार ने संविधान से India शब्द हटाने की बात ही नहीं की है लेकिन बात का बतंगड़ जरूर बनाया जा रहा है.

‘India Vs Bharat’: ये ‘इंडिया बनाम भारत’ सुनने में कितना अजीब लगता है. क्योंकि आप इंडिया कहो या भारत बात तो एक ही है. संविधान में भी देश के दो नाम हैं India और Bharat. लेकिन कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन को ‘भारत’ नाम से दिक्क्त होने लगी है क्योंकि मोदी सरकार देश के अंग्रेजी नाम India का इस्तेमाल कम करने लगी है और India की जगह Bharat कहने लगी है. अब आपके घर वाले आपको निक नेम से पुकारें या प्रोफेशनल नेम से पुकार तो वो आपको ही रहे हैं. लेकिन विपक्षी गठबंधन को इससे तकलीफ है.

सरकार ने तो सिर्फ G20 Summit के डिनर पार्टी के इन्विटेशन कार्ड में President Of India की जगह President Of Bharat लिख दिया है. इसपर विपक्ष का कहना है कि सरकार अब इंडिया का नाम बदलकर भारत कर रही है क्योंकि उनके अलायंस का नाम I.N.D.I.A है. वैसे सरकार ने देश के दो नामों में से अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ को हटाने या मिटाने की बात कही नहीं है लेकिन एक तबका ऐसा है जो देश को सिर्फ एक नाम देने के पक्ष में है जो है ‘भारत’ क्योंकि अंग्रेजों के आने से पहले देश का नाम हजारों वर्षों से ‘भारत’ ही रहा है.

अब सीधा टॉपिक में आते हैं और जानते हैं कि अगर सरकार को देश का सिर्फ एक नाम ‘भारत’ रखना है और India को हटाना है तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा और इस प्रोसेस में कितना खर्चा होगा?

संविधान से India को हटाने के लिए क्या करना पड़ेगा

पूरी दुनिया में भारत ही ऐसा देश है जिसके दो नाम है. एक प्राचीन नाम है और एक अंग्रेजों से प्रभावित लोगों द्वारा चुना गया नाम. अगर भारत के अंग्रेजी नाम India को खत्म करना है तो इसके लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा।  संविधान संशोधन की प्रक्रिया आर्टिकल 368 में दी गई है। संसद के पास ये शक्ति है कि वो संविधान संशोधन कर सकती है। इसके लिए एक विधेयक लाना होगा और दो-तिहाई बहुमत से पारित करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में 13 जजों की खंडपीठ ने केशवानंद भारती केस में ऐतिहासिक फैसला दिया था कि संविधान संशोधन से संविधान के बुनियादी ढांचे में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।

India से Bharat करने में कितना खर्चा होगा?

अगर सरकार देश को सिर्फ एक नाम ‘Bharat’ देना चाहती है और पूरी दुनिया से ‘India’ नाम हटाकर उसकी जगह भारत रखना चाहती है तो ऐसा करने के लिए बहुत बड़ा खर्चा करना पड़ेगा। जाहिर है ‘India’ नाम वाली वेबसाइट, डॉक्युमेंट्स, इंटरनेशनल फोरम के दस्तावेजों, विभिन्न सरकारी संस्थानों में बदलाव करने होंगे।

साउथ अफ्रीका (South Africa) के एक वकील डैरेन ओलिवियर (Darren Olivier) ने किसी देश के नाम बदलने में होने वाले खर्च के कैलकुलेशन का फार्मूला निकाला है. ओलिवियर ने अफ्रीकी देशों में नाम बदलने की प्रक्रिया की तुलना किसी बड़े कॉरपोरेट की रीब्रांडिंग एक्सरसाइज़ से की. उनके मुताबिक एक बड़े कॉरपोरेट हाउस की औसत मार्केटिंग कॉस्ट उसके रेवेन्यू का 6 फीसदी होती है. वहीं रीब्रांडिंग एक्सरसाइज़ का खर्च कंपनी के मार्केटिंग बजट का 10 फीसदी तक हो सकता है.

डैरेन ओलिवियर के इसी मॉडल की मदद से भारत के लिए होने वाले खर्च का पता लगाया जा सकता है. भारत का नाम बदलने की प्रक्रिया में होने वाला खर्च कितना बड़ा है, ये एक उदाहरण से समझ सकते हैं. केंद्र सरकार 80 करोड़ भारतीय नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा में जितना खर्च करती है, नाम बदलने में उतना खर्च होने का अनुमान है.

करीब 14 हजार करोड़ खर्च होंगे

Outlook की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष के लिए भारत की राजस्व प्राप्ति 23 लाख 84 हजार करोड़ रुपये थी. यानी सरकार ने जो टैक्स और गैर-टैक्स वाला राजस्व यानी रेवेन्यू हासिल किया वो राजस्व के इस आंकड़े के आधार पर ‘ओलिवियर मॉडल’ के मुताबिक भारत का नाम बदलने की प्रक्रिया में लगभग 14 हजार 304 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

बता दें कि ओलिवियर ने साल 2018 में साउथ अफ्रीकी देश स्वाज़ीलैंड का नाम बदले जाने पर ही ये मॉडल विकसित किया था. स्वाज़ीलैंड (Swaziland) का नाम बदलकर इस्वातिनी (Eswatini) रखा गया था. ओलिवियर के मॉडल के मुताबिक स्वाज़ीलैंड का नाम बदले जाने का खर्च लगभग 500 करोड़ रुपये आया था. इस आंकड़े को निकालने में भी ओलिवियर ने देश की राजस्व कमाई वाला फॉर्मूला लगाया था.

ये सब खर्च तभी होगा जब देश के दो नामों से एक ‘India’ को हटाकर हर जगह ‘Bharat’ करना होगा। और सरकार फ़िलहाल ऐसा कोई कदम उठाने पर विचार तक नहीं कर रही है. देश का नाम India और Bharat से सिर्फ Bharat करने की बात महज एक अफवाह है. वैसे भी संविधान में देश का नाम इंडिया भी है और भारत भी, सरकार चाहे तो दोनों में से कोई भी नाम इस्तेमाल कर सकती है.

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