Jabalpur News: बच्चे मासूमियत की पहचान होते हैं, लेकिन आज के समय में ये मासूमियत ना जाने कहाँ गुम सी गई है, आए दिन बच्चों से जुड़े आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं। जिसमे अपहरण, हत्या, यौन शोषण आदि मामले आते हैं , जिसकी वजह से माँ-बाप अपने बच्चों को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं। लेकिन यदि बच्चे ही आपराधिक मानसिकता के हो जाएं , तो ये विचार करने का विषय है। हाल ही में मध्यप्रदेश के जबलपुर से 13 वर्षीय नाबालिक बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया है। जहां बच्ची ने खुद के अपहरण का षड्यन्त्र रचा, साथ ही बच्ची ने फिरौती से जुड़ा एक खत भी घर में छोड़ कर गायब हो गई।
माँ से नाराज बच्ची ने उठाया आपराधिक कदम
दरअसल बच्ची माँ की रोक टोक से परेशान थी माँ बच्ची को मेकप करने, मोबाईल से दूर रहने, दोस्तों से गप्पे लड़ाने से मना करती थी। लेकिन बच्ची को ये रोक टोक गवारा नहीं थी जिसकी वजह से बच्ची ने अपने ही अपहरण की कहानी रच दी, और फिरौती के खत मे लिखा ” तुम लोगों की बच्ची हमारे पास है। अगर उसे बचाना है तो अगले महीने की 10 तारीख को 15 लाख रुपए लेकर बड़ी खेरमाई मंदिर आ जाना। अगर किसी ने भी पुलिस को खबर की तो बच्ची के चिथड़े तोहफे में मिलेंगे। तुम्हें 14 दिन का वक्त देते हैं, जल्दी से पैसों का इंतजाम करो, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा।” इस एक पेज के नोट ने माँ-बाप के दिल की धड़कन रोक दी जिसके बाद सहमे परिजनों ने तुरंत खमरिया थाना पुलिस को इसकी जानकारी दी और मामला दर्ज करवाया। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत जांच पड़ताल शुरू कर दी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
जब बच्ची घर में नहीं मिली तो परिजनों ने बच्ची को आस पास तलासा लेकिन बच्ची की कोई खबर नहीं थी जिसके बाद माँ को घर में ही अपहरण के फिरौती वाला नोट मिला घबराकर परिजनों ने मामला दर्ज किया। मामला दर्ज होते ही सीएसपी सतीष साहू और थाना प्रभारी सरोजनी चौकसे ने मामले पर तुरंत कारवाई करते हुए सीसीटीवी cctv की फुटेज तलासी और साथ ही आस पास के परिवहन चालकों से पूछताछ की जिसमे से एक ऑटो चालक ने बताया की उसने बच्ची को सादर इलाके मे छोड़ा था। जिसके बाद पुलिस ने तलास जारी रखी और गली नंबर 7 से बच्ची को सही-सलामत परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद जब अपहरण नोट की जांच की गई तो पुलिस को खत की राइटिंग मे कुछ गड़बड़ी लगी जब बच्ची की हैंडराइटिंग से उस खत को मिलाया गया तब पता चला बच्ची ने ये खत खुद ही लिखा था।
कौन है इस वारदात का जिम्मेदार?
बच्चों की ऐसी मानसिकता का आखिर कारण क्या है? जवाब है- आज का ये युग जिसमे आधुनिकता के नाम पर खुलेआम अश्लीलता और अपराध परोशे जाते हैं । बच्चों को जो बाते एक उम्र के बाद बताई जाती हैं वो खुलेआम इंटरनेट के माध्यम से हर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। केवल इंटरनेट ही नई बल्कि व्यस्त माता-पिता जो अपने जीवन मे चल रही समस्याओ को हल करते-करते बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को अंदेखा कर देते हैं। जिसकी वजह से बच्चा माँ बाप से दूर हो जाता है, और गलत संगत मे पड़ के अपने जीवन के अच्छे बुरे फैसले लेने लगता है।