एमपी के जेलों में बंद 111 बंदी होगे रिहा, आजीवन कारावास की काट रहे थे सजा

एमपी। मध्यप्रदेश के जेलों में अपने गुनाहों की सजा काट रहे 111 बंदीयों को जेल मुख्यायल से जारी आदेश के बाद रिहा किया जा रहा है। छोड़े जा रहे बंदियों में 8 महिला बंदियों को भी रिहाई का लाभ मिल रहा है। बंदियों को रिहाई का यह लाभ गांधी जंयती के अवसर पर दिया जा रहा है। जानकारी के तहत बंदियों को यह रिहाई का लाभ जेल में सजा काटने के दौरान अच्छे आचारण के चलते सजा माफी के तहत मिल रही है। ज्ञात हो कि विशेष पर्व के दौरान बंदियों को रिहाई दी जाती है। जिसमें से स्वतंत्रता दिवस यानि कि 15 को तथा गणतंत्र दिवस यानि की 26 जनवरी और 2 अक्टूबर यानि की गांधी जंयती पर बंदियों को रिहा किया जा रहा है। उसी के तहत इस वर्ष गांधी जंयती पर एमपी के जेलों में बंद बंदियों को छोड़ा जा रहा है।

इन्हे नही मिलेगा लाभ

जारी आदेश के तहत ऐसे बंदियों को सजामाफी का लाभ नही दिया जा रहा है, जो कि पास्कों एक्ट एवं बलात्कर जैसे अपराधों में जेल के अंदर सजा काट रहे है। बताया जा रहा है कि रिहा हो रहे बंदियों ने जेल में रहते हुए सिलाई, कारीगारी आदि हुनर का प्रशिक्षण भी प्राप्त किए है। जो कि जेल से रिहा होने के बाद उनके जीवन जीने में काम आऐगा।

रीवा जेल से रिहा हो रहे 12 बंदी

जेल मुख्यालय से जो जानकारी जारी की गई है उसके तहत रीवा केन्द्रीय जेल से 12 बंदी रिहा हो रहे है। इसी तरह उज्जैन जेल से 7, सतना जेल से 6, नर्मदापुरम से 10, बड़वानी जेल से 5, ग्वालियर जेल से 7 बंदी रिहा हो रहे है। इसी तरह जबलपुर से 6, सागर जेल से 18 तथा टीकमगढ़ से 01, नरसिपुर से 05 और इंदौर जेल से 11 बंदियों को रिहाई का लाभ मिला है। इंदौर जिला जेल के 03, अलीराजपुर 02 तथा भोपाल केन्द्रीय जेल से 18 बंदी रिहा किए जा रहे है। उस हिसाब से रिहा किए जा रहे बंदियों की कुल संख्या 111 है।


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