यूएन की रिपोर्ट में दावा 2030 तक दुनिया से भुखमरी का खात्मा असंभव

यूएन की एक रिपोर्ट ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया है. दरअसल इस रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि 2030 तक दुनिया से भुखमरी का खात्मा होना असंभव है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि संघर्ष और अप्रत्याशित मौसम के कारण पिछले साल तकरीबन 73 करोड़ लोंगो को भूखा रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।

24 जुलाई को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल तीव्र भूख की समस्या गहरा गई , जबकि पौस्टिक भोजन लोगो की पहुंच से दूर हो गया. रिपोर्ट में दवा किया गया कि दुनिया में हर 11 में से एक व्यक्ति भूख से जूझ रहा है. सबसे ज्यादा दैनीय स्थिति अफ्रीकन क्षेत्रों की जहाँ हर पांच में से एक व्यक्ति को भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है.

आपको बताते चले की यूएन की पांच एजेंसियों ने मिलकर इस रिपोर्ट को बनाया है. जिनमें क्रमशः खाद्य और कृषि संगठन , अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष , यूनिसेफ , विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन शामिल है.

दिलचस्प बात यह है कि इस रिपोर्ट को ब्राज़ील में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए पेश किया गया। गौरतलब है कि इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि वैश्विक भुखमरी को कम करने के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण से जुडी फंडिंग में सुधार की जरूरत है.

रिपोर्ट के अनुसार 2023 में दुनिया की एक तिहाई से अधिक आबादी स्वस्थ आहार से वंचित रही। ताजा अनुमानों से पता चलता है कि कम आय वाले देशों में 71 .5 प्रतिशत लोग पिछले साल स्वास्थ आहार से वंचित रहे , जबकि उच्च आय वाले देशों में यह आकड़ा 6 .3 प्रतिशत था.

मौजूदा अनुमान के मुताबिक़ साल 2030 तक भूख को पूरी तरह से खात्मा करने के लिए 176 अरब डॉलर से 3 .98 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत है.

आपको बताते चले क़ि रिपोर्ट की सिफारिशों के मुताबित छोटे आय के किसानों को मदद पहुंचाने के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाना भी बेहद जरूरी है।

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि , कुपोषण को पहचानना आसान है। लम्बे समय तक खराब पोषण के कारण बच्चों के शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. साथ ही यदि वयस्क भी लम्बे समय अच्छा आहर नहीं लेते है तो उन्हें भी संक्रमण से सम्बंधित बीमारिया हो सकती है.

यूनाइटेड नेशन क्या है?

दरअसल संयुक्त राष्ट्र एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन  है। जिसके उद्देश्य में उल्लेख है कि यह अन्तर्राष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शान्ति के लिए कार्यरत है। इस संगठन  की स्थापना 25 ऑक्टूबर 1945 को सरकार राष्ट्र अधिकार पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई।

द्वतीय विश्व युद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तरराष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 राष्ट्र हैं. आज यूनाइटेड नेशन विश्व में एक अहम भूमिका निभा रहा है.

अब अगर भारत की बात करे तो 18 अक्टूबर 2023 को वैश्विक भुखमरी सूचकांक की जारी रिपोर्ट में  भारत को 125 देशों में से 111वें स्थान पर रखा गया है, जिसमें देश में सबसे अधिक 18.7 फीसदी बाल कुपोषण दर दर्ज की गई है. केंद्र सरकार ने तुरंत इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए खारिज कर दिया.

इस सूचकांक में 28.7 अंक के साथ भारत में भूख का स्तर ‘गंभीर’ बताया गया है. केंद्र के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स ‘गंभीर कार्यप्रणाली संबंधी मुद्दों से ग्रस्त है और दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है.’

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