सैक्स स्कैंडल्स, ये एक तरह के पब्लिक स्कैंडल्स हैं जहाँ बड़ी हस्तियों के नाम वो चाहे राजनेता हों,खिलाडी हों या फिल्मस्टार्स हों. IMMORAL SEXUAL ACTIVITIES में लिप्त पाए जाते हैं.सेक्स स्कैंडल्स, जब किसी पोलिटिकल एंटिटी द्वारा किये जाएं तब इन्हे पोलिटिकल स्कैंडल्स बोला जाता है.हाल फिलहाल में देश के दक्षिणी राज्य कर्नाटक की लोकसभा सीट हासन से सांसद प्रज्ज्वल रवन्ना और इनके पिता एच डी रवन्ना के ऊपर सेक्सुअल असाल्ट का मामला प्रकाश में आया है.यहीं पर पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से इस स्कैंडल का गहरा कनेक्शन निकल कर सामने आता है .कैसे?दरअसल,एच डी रवन्ना इनके बेटे और प्रज्ज्वल रवन्ना इनके परपोते हैं.
इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब राज्य में लोकसभा चुनाव से दो दिन पहले सांसद के सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में सेक्सुअल असॉल्ट के अश्लील वीडियोज़ वायरल हुए जिसमे राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मामले की जाँच के लिए SIT का गठन करवाया।अब इन वीडियोस में कितनी सच्चाई है ये तो पूरी जाँच के बाद ही पता चलेगा फ़िलहाल आपको इतना बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महिलाएं जो मामले में पीड़ित थीं उन्होंने बीते दस दिनों में अपने घर छोड़ दिए हैं.इंडियन एक्सप्रेस की ही रिपोर्ट के मुताबिक एक दुकानदार का कहना है कि पूरा जिला एच डी रवन्ना के कण्ट्रोल में है.अगर आप उनके खिलाफ कुछ भी बुरा कहते हैं तो इसके बहुत बड़े चान्सेस हैं कि बात उन तक पहुँच जाएगी।इन सब के बीच प्रज्ज्वल रवन्ना जर्मनी चले गए और मौके का फायदा उठाकर विपक्ष ने सरकार से प्रज्ज्वल रवन्ना को वापस भारत लाने की गुहार लगा दी है.अब इस कहानी पर जरा ब्रेक लगाते हैं और रुख करते हैं अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर.आतंकियों को पनाह,ध्वस्त अर्थव्यवस्था,नाम का लोकतंत्र और इन सब के पीछे जो फाॅर्स है वो है पाकिस्तानी सेना।इसी पाकिस्तानी आर्मी का अब तक का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल सामने आया है.14 साल से कम उम्र के बच्चो के साथ दुष्कर्म का ये मामला रौंगटे खड़े कर देता है .600 से ज्यादा वीडियो वायरल हुए हैं और कर्नल से लेकर मेजर रैंक तक के अधिकारी इसमें संलिप्त हैं.ये मामला पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनवा के कबीलाई इलाके का है.पाकिस्तानी सेना ने इसे झूठा कहा है लेकिन दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि सेना का एक बेहद करीबी दुकानदार ताहिर कबादी गरीब बच्चों की सप्लाई का काम करता था यानि यहाँ मानव तस्करी का मामला भी प्रकाश में आ रहा है.ताहिर कबादी बच्चों को लालच देकर इन सेना के अधिकारीयों के पास भेजता था और उसने ही बच्चों के यौन शोषण के वीडियोस भी बनाए।इतना ही नहीं वो इन वीडियोस का इस्तेमाल कर के बच्चों के माँ बाप से पैसे भी ऐंठ रहा था.यानि,ब्लैकमेलिंग।एक बार फिर आप सभी का ध्यान मैं इस स्कैंडल से हटाकर कहीं और ले जाना चाहूंगी।एक फिल्म की ओर,अब आप सोच रहे होंगे स्कैंडल और फिल्म।हालाँकि फिल्मी जगत इन सब में पीछे नहीं है लेकिन अभी ध्यान राजनीतिक स्कैंडल्स पर ही केंद्रित रखेंगे। नेटफ्लिक्स में हाल ही में एक फिल्म रिलीज़ हुई भक्षक.ये मूवी बिहार के मुज़्ज़फरपुर शेल्टर होम्स में बड़े स्तर पर हो रहे सेक्सुअल असॉल्ट पर बेस्ड है.बड़े राजनीतिक चेहरे इस स्कैंडल में लिप्त थे. फिल्म के बारे में बता कर स्पोइलर देने का काम यहीं छोड़ते हुए इतना जरूर कहूँगी कि जरूर देखिये।यकीन मानिये,इसके लिए आपको फिल्मो का शौक़ीन न होने का बहाना बिलकुल नहीं देना पड़ेगा।
सभी सैक्स स्कैंडल्स में एक बात कॉमन है!
पावर,सत्ता,सियासत के इस खेल में रैली,चुनाव,संसद,सोफिस्टिकेटेड मीटिंग्स के बीच ये स्कैंडल्स ऐसे हैं जिन्होंने कभी लोगों के पोलिटिकल करियर को गिरा दिया तो कई मामले आए गए हवा हो गए.साल 2006 में एक ऐसा ही बड़ा स्कैंडल हुआ था जहाँ इस कदर लोगों का गुस्सा फूटा कि वो सड़कों पर उतर आये थे.उनकी मांग थी की स्कैंडल में जितने भी बड़े नेता,ब्यूरोक्रेट्स और नामी लोग शामिल हैं उनके नाम उजागर किये जाएं।मामला आगे बढ़ा तो शबीना नाम की औरत का नाम सामने आया जो अपने पति के साथ मिलकर रैकेट चलाती थी.लोगों ने इसके घर में घुस कर तोड़फोड़ की और आरोप लगाए कि पुलिस महिला को बचाने का काम कर रही है.ताज्जुब की बात है कि साल 2006 में घटे इस स्कैंडल पर फैसला सुनाया गया साल 2018 में. इस दौरान शबीना और उसके पति की मौत हो गयी.मामले में 5 मुख्य दोषियों की गिरफ़्तारी की गयी जिसमे से एक BSF का DIG भी था.
इस सब से इतर इन तथाकथित हाई प्रोफाइल स्कैंडल्स में सियासत की रोटियां भलीभांति सेंकी जाती हैं और मामला यही नहीं थमता इस पर घी लगा कर मीडिया कई दिनों तक TRP बटोरने का एक भी मौका नहीं छोड़ता और छोड़े भी क्यों?बात बस इतनी सी है कि सत्ता,स्कैंडल और TRP की इस भूख में कई बार कई मामले कागज़ों में दफन हो जाते हैं लेकिन इसे आप मानवीय अस्तित्व की खुशकिस्मती कह सकते हैं कि इसे दफ़न होने से हम और आप रोक सकते हैं.सजग होकर,सच को सच सा बोलकर और अगर आपको ऐसा करने से डर लगता है तो क्रांतिकारी चे गुएवरा की एक पंक्ति है कि मैंने कब्रिस्तान में उन लोगों की कब्रें भी देखी है जिन्होंने इसलिए संघर्ष नहीं किया कि कहीं वे मारे न जाएं!