भोपाल। एमपी विधानसभा में बजट पर चर्चा के बीच व्यंग्य का दौर भी चला। कांग्रेस विधायक भंवरसिंह शेखावत ने कैलाश विजयवर्गी को शोले के ठाकुर बताया। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री जी इनके हाथ खोल कर दीजिए फिर देखिए। तो वही मुख्यमंत्री ने शेखावत से कहा आप तो अमिताभ बच्चन हो, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा-इस अमिताभ बच्चन को बाल लगवा दीजिए।
फिर उठा भिखारी का मुद्रदा
बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक सुनील उइके बोले, मप्र के वरिष्ठ मंत्री ने कहा था जनता भिखारी है। बजट ऐसा है कि पैदा होने वाला बच्चा 50 हजार का कर्जदार हो जाता है, अधिक कर्जा लिया जा रहा है तो बजट भी इस बार बड़ा है, जल मिशन योजना में पाइप डालकर पैसे निकाले गए हैं। पाइप डालते ही 60-70ः का भुगतान हुआ है। 15-17 महीने में एक भी लाड़ली बहना की संख्या नहीं बड़ी। जबाब में प्रह्लाद पटेल बोले, कांग्रेस ने होली का समय बहुत सही चुना था। प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की थी, लेकिन ये जला नहीं पाएंगे।
बजट चर्चा में दिया गया कैग रिपोर्ट का हवाला
बजट पर चर्चा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे बोले, बजट में जिंदा लोगों के साथ धोखा हुआ, रेवेन्यू सरप्लस बताने का प्रयास हुआ है। स्वर्गवासियों के साथ भी धोखा हुआ। सबल अंत्येष्टि योजना का लाभ अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को दिया। हर साल ऐसा हो रहा है। सदन में भोपाल उत्तर से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि बार-बार विकास की बात होती है, लेकिन भोपाल का मास्टर प्लान ही नहीं आता। मास्टर प्लान आए तो विकास की बात हो
नेता प्रतिपक्ष ने कहा
बजट चर्चा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि वित्त मंत्री ने बजट के आखरी में कविता लिखी है। उसमें आकाश में नौकरियां दिखाई गई हैं। किसान से कहा जा रहा आकाश से खाद मिलेगा। बजट में बताई गईं नौकरियां नहीं दे पाएंगे। आम व्यक्ति को किसी तरह की राहत नहीं दी गई।
कर्ज लेकर घी पी रही है सरकार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिघार ने कहा कि सरकार चलाएं लेकिन आम जनता का भी ध्यान रखें। 2047 तक क्या कर्ज 25 लाख करोड़ हो जाएगा। नलजल योजना घोटाला विधानसभा में उठा लेकिन जांच ही नहीं हो रही। कुपोषण के मामले में मप्र अग्रणी राज्य है। राज्य विकास और राज्य सुरक्षा पर सरकार ध्यान दे एवं कर्ज चुकाने के लिए सरकार बॉण्ड लाए।
बोले वित्त मंत्री
डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि जनता की सरकार है, जनता के लिए बजट है।
इसलिए हमने लिखा है तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा। उन्होने कहा कि यह महिला, युवा, किसान, गरीब का बजट है, अन्य कोई जातिगत भेदभाव नहीं है।