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Zubeen Garg Death Postmortem: ज़ुबिन गर्ग का पोस्टमार्टम हुआ पूरा आज पहुँचेगा पार्थिव शरीर गुवाहाटी

Zubeen Garg Death Postmortem

Zubeen Garg Death Postmortem

Zubeen Garg Death Postmortem: असम के रॉकस्टार के नाम से मशहूर गायक जुबीन गर्ग का कल एक दुर्घटना में निधन हो गया। जब से जुबीन गर्ग के निधन की खबर बाहर आई है, तब से पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री में खासकर असम में शोक की लहर है। बता दें जुबीन गर्ग का देहांत सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ। डाईविंग के लिए उन्होंने शुरुआत में तो लाइफ सेविंग जैकेट पहनी थी परंतु बाद में उन्होंने उसे उतार दिया। हालांकि उन्हें बार-बार चेतावनी भी दी गई लेकिन उन्होंने उस बात को नजरअंदाज किया और जैकेट ना होने की वजह से वह डूब गए। कुछ समय बाद उनकी बॉडी फ्लोटिंग अवस्था में दिखाई दी तब लाइफगार्ड ने उन्हें बाहर निकाला और CPR देने की कोशिश की परंतु उन्हें बचाया नहीं जा सका।

Zubeen Garg Death Postmortem

जुबीन गर्ग अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि

बता दें जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम के बाद दिल्ली लाया जाएगा और उसके बाद गुवाहाटी भेजा जाएगा। गुवाहाटी के सारुसजाई स्टेडियम में उनका पार्थिव शरीर आमजन के दर्शन और श्रद्धांजलि रखा जाएगा। उसके बाद असम सरकार और परिवारजन मिलकर अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेंगे। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री परिवार की इच्छा और जन भावना के अनुसार ही अंतिम संस्कार पूरा करेंगे।

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‘या आली’ से मिली राष्ट्रीय पहचान

जुबीन गर्ग ऐसे गायक रहे हैं जिनकी आवाज में मिठास के साथ-साथ एक रूहानी ताकत होती थी। भट्ट बैनर तले बनी फिल्म गैंगस्टर को अनुराग बसु ने डायरेक्ट किया था और उन्होंने ही जुबीन गर्ग को ‘या अली’ गाने का मौका दिया था। उस समय यह गाना इतना पॉपुलर हुआ था कि सारे म्यूजिक चार्ट्स में टॉप में था। जुबीन गर्ग ऐसे गायक थे जिनका अपनी कला से बहुत ज्यादा जुड़ाव था, इसलिए उन्होंने कमर्शियल करियर का रास्ता ना अपना कर लोगों के बीच रहना चुना। वह कंसर्ट करते थे लोगों को बीच जाते थे और असमी लोकगीतों को अपनी आवाज देते थे।
उनके इसी स्वभाव ने उन्हें असम का सुपरस्टार बना दिया।

केवल बेहतरीन गायक ही नहीं बेहतरीन शख्सियत भी थे ज़ुबिन गर्ग

जुबीन गर्ग गायन के अलावा समाज सेवा से भी जुड़े हुए थे। वे बहुत सारे सामाजिक कार्यों का हिस्सा रहते थे और लोगों के बीच में जाकर उनसे अक्सर मिलते जुलते थे। जुबीन गर्ग ने असम में बाढ़ के समय पीड़ितों की बहुत सहायता की। कोविड ने जब अपना कहर बरपाया तब जुबिन ने अपने घर के दरवाजे भी लोगों की मदद के लिए खोल दिए थे। बताया तो यहां तक जा रहा है कि जुबीन गर्ग समाज सेवा में इस हद तक जुड़े हुए थे कि उन्होंने कोविड के समय अपने घर को केयर सेंटर में ही बदल दिया था। लोगों के दिलों में जुबीन गर्ग का एक अच्छे कलाकार और अच्छे इंसान के रूप के एक विशेष स्थान रहा है और वह हमेशा रहेगा।

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