Zomato Business Down: क्या जोमैटो पर मंडरा रहा है वित्तीय संकट

Zomato Business Down

Zomato Business Down: ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी (online food delivery partner) जोमैटो को लेकर एक खबर काफी धड़ल्ले से वायरल हो रही है जिसमें यह बताया जा रहा है कि जोमैटो भारी नुकसान झेल रही है। जी हां, यह खबर किसी और ने नहीं बल्कि कंपनी के एक कर्मचारी द्वारा सोशल मीडिया पर फैलाई गई है। इस खबर के अंतर्गत कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर कंपनी के अंदर के माहौल के बारे में लोगों को बताया है जिसमें उसने लिखा है कि जोमैटो का मार्केट शेयर (market share of zomato)घट रहा है और जोमैटो अपनी प्रतिस्पर्धी कम्पनियों के सामने टिक नहीं पा रहा।

Zomato Business Down
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कर्मचारी ने बताई जोमैटो में चल रही हलचल

बता दें जोमैटो के ही एक कर्मचारी ने खबर फैलाई है जिसमें उसने स्पष्ट बताया है कि जोमैटो zepto, cafe, और swiggy जैसी कंपनी को टक्कर नहीं दे पा रही है। यह कंपनियां जोमैटो से काफी आगे निकल चुकी है जिसकी वजह से अब जोमैटो कर्मचारियों पर ही हर महीने कम से कम 7 ऑर्डर लेने का दबाव डाल रही है।

कर्मचारियों ने यह भी बताया है कि हम कार्यालय में किसी अन्य कंपनी से ऑर्डर नहीं कर सकते,(zomato delivery partner) कर्मचारियों ने बताया है कि जोमैटो के कर्मचारियों को काफी दबाव और तनाव से जूझना पड़ रहा है जिसकी वजह से कर्मचारियों का मनोबल भी प्रभावित हो रहा है।

CEO ने दी इस बात पर सफाई

हालांकि इस पर सफाई देते हुए कंपनी के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने कम्पनी के सोशल मीडिया हैंडल को अपने हाथ में लिया है और इस पोस्ट पर सफाई पेश करते हुए बताया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को ऐसे किसी तनाव में नहीं डाल रही। यहां तक कि हम कर्मचारियों को विशेष प्लेटफार्म से आर्डर करने के लिए भी नहीं रोकते। दीपेंद्र गोयल ने यह भी बताया है कि वर्तमान में जोमैटो के मार्केट शेयर बाजार में काफी स्थिर है हालांकि उनका यह भी कहना है कि जोमैटो अन्य कम्पनियों को बराबर की टक्कर दे रही है।

बता दें कर्मचारियों की शिकायतों और सीईओ की प्रतिक्रिया के बावजूद इतना स्पष्ट है कि जब से जोमैटो ने फूड डिलीवरी के सीईओ राकेश रंजन (zomato food delivery CEO) को हटा दिया है तब से कर्मचारियों में काफी असंतोष देखा जा रहा है। हालांकि कंपनी ने इसके बारे में कोई भी आधिकारिक टिप्पणी पेश नहीं की है परंतु कर्मचारियों का मानना है कि यह कंपनी की अपनी स्ट्रेटजी है जो कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए फॉलो की जा रही है।

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पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ समय से जोमैटो को कड़ी टक्कर देने के लिए ज़ेप्टो और स्विग्गी जैसे प्लेटफार्म भी बाजार में उतर गए हैं यहां तक की अब और ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफार्म भी आने लगे हैं जिसकी वजह से जोमैटो की साख अब खतरे में आने लगी है। कुल मिलाकर भविष्य में जोमैटो कंपनी अपने कर्मचारियों के हित में क्या निर्णय लेगी और प्रबंधन नीतियों में क्या सुधार करेगी यह तो समय ही बताएगा।

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