Zakir Naik Controversy: ज़ाकिर नाइक जो कहने के लिए इस मुस्लिम स्कॉलर है लेकिन असलियत में यह एक कट्टरपंथी इस्लाम प्रचारक है, ये भारत सहित दुनिया में बैठे कई आतंकियों के लिए मोटिवेशनल स्पीकर भी है. और भारत सरकार की नज़रों में एक भगोड़ा अपराधी है जिसके खिलाफ NIA ने UAPA और ED ने मनी लॉन्ड्रिग जैसे कई केस दर्ज किए हैं. वैसे तो ज़ाकिर नाइक के विडिओस भारत में बैन हैं लेकिन इसके चाहने वाले लोगों इसका उगला ज़हर बेहद मीठा लगता है.
खैर… ज़ाकिर नाइक एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है, कोई नई बात नहीं है इस बार भी अपनी ज़हरीली सोच और हिन्दुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान देने पर ये चर्चा में आया है. सोशल मीडिया में ज़ाकिर नाइक का एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है जिसमे वो ये कहता दिखाई दे रहा है कि, मंदिर के उद्घाटन में जाने से बेहतर है कि आतंकवादियों के लिए बन्दूक बनाने वाली फैक्ट्री के इनॉग्रेशन में चले जाओ.
असल में ज़ाकिर नाइक शिर्क और हराम-हलाल पर ज्ञान दे रहा था. शिर्क का मतलब किसी दूसरे को अल्लाह के बराबर मानना, यानी पाप होता है. और हराम-हलाल का मतलब तो आपको मालूम ही होगा। तो ज़ाकिर नाइक UAE के अबुधाबी में बने BAPS के बारे में ऑनलाइन चर्चा कर रहा था. किसी ने पूछा की क्या मैं किसी मंदिर बनाने वाली कंपनी में नौकरी कर सकता हूं? तो ज़ाकिर ने जवाब दिया कि ये वैसा ही सवाल है जैसे क्या मैं शराब बनाने वाली, या कोकीन और गांजा बनाने वाली कंपनी में काम कर सकता हूं जो हजरों लोगों के मरने की वजह है. ज़ाहिर है ऐसी कंपनी में काम करना गुनाह है लेकिन मंदिर बनाने का काम उससे भी बड़ा गुनाह है.
इस वीडियो में ज़ाकिर आगे कहता है कि आजकज के मुस्लिम नेता खुद को सेक्युलर दिखाने के लिए मंदिर के उद्घाटन में जाते हैं लेकिन अगर आप किसी आतंकवादियों के लिए बन्दूक बनाने वाली फैक्ट्री के उद्घाटन में जाते हैं, तो ये मंदिर के उद्घाटन में जाने से ज्यादा बेहतर है. तो ये सो काल्ड स्कॉलर का सोचना है कि मंदिर या चर्च बनाने या जाने से बेहतर है कि आप ड्रग्स या आतंकियों के लिए बन्दूक बनाने वाली कंपनी में काम करने जाएं।
2016 में मलेशिया भाग गया था
खैर मुंबई से ताल्लुख रखने वाला ज़ाकिर नाइक गिरफ्तार होने के डर से मलेशिया भाग गया था. भारत सरकार ने इसकी बनाई संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को बैन कर दिया था. नाइक पर गैर मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने और उनके खिलाफ मुसलमानों को उकसाने के आरोप हैं. इसके अलावा 2019 में ED ने नाइक पर टेरर फंडिंग मामले में चार्टशीट भी दायर की थी जिसमे एजेंसी ने आरोपी की 193 करोड़ की संपत्ति की पहचान की थी. ED ने दावा किया कि 2003-4 और 2016-17 के दौरान नाइक को 64 करोड़ की फंडिंग मिली थी और 2012 से 16 के दौरान इसके UAE वाले बैंक अकाउंट में 49 करोड़ रुपए भेजे गए थे. 2017 में NIA द्वारा दायर चार्टशीट में कहा गया था कि नाइक के भड़काऊ बयान देखकर युवा कट्टरपंथी और आतंकवाद के प्रति प्रभावित होते हैं. एक बार नाइक ने कहा था कि अगर ओसामा बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों से लड़ रहा है तो मैं उसके साथ हूं. अब जाहिर है नाइक का लेटेस्ट वीडियो देखकर कई लोग यही मानाने लग जाएंगे कि मंदिर जाने से अच्छा बन्दूक की सप्लाई करना है. मतलब कुछ भी.
कई आतंकी इससे प्रभावित
2016 में जब बांग्लादेश के ढाका में ब्लास्ट हुआ, 22 लोगों की मौत हुई तो पकड़ा गया आतंकी ज़ाकिर नाइक का बड़ा फैन निकला था, अप्रैल 2019 में श्रीलंका के ईस्टर संडे में हुए बम धमाके में 260 लोगों की जान गई, ये हमला करने वाला आतंकी जेहरान हाशिम भी जाकिर नाइक से प्रेरित था. पिछले साल मेंगलोर ऑटो ब्लास्ट केस का आरोपी शरीक ने भी ज़ाकिर नाइक से प्रभावित होने की बात कबूल की थी. मुंब्रा मंदिर में जहर मिलाने का प्लान बनाने वाले आतंकियों ने भी ज़ाकिर नाइक के वीडियो देखकर प्रभावित हुए थे. ऐसे कई केस हैं, जिन्हे हम गिनाने लग जाएं तो शायद अंत ही न हो.
भारत सरकार ज़ाकिर नाइक को वापस क्यों नहीं ला पा रही
अब सवाल ये बनता है कि भारत सरकार भगोड़े ज़ाकिर नाइक को वापस क्यों नहीं ला पा रही है. दरअसल ज़ाकिर नाइक, मलेशिया और भारत के बीच तनाव का कारण तो है लेकिन उसके पास मलेशिया की स्थाई नागरिकता भी है, वहां की सरकार इसे प्रोटेक्शन देती है. NIA अभी इंटरपोल से नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का इंतजार कर रही है. जिसकी रिक्वेस्ट 8 साल से पेंडिंग पड़ी है. बहरहाल भारत के लोग नाइक की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं क्योंकि वो लगातार गैर मुस्लिम खासकर हिन्दुओं के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी जारी रखे हुए हैं. नाइक के नए विवाद को लेकर आपकी क्या राय है हमें कमेंट कर जरूर बताएं