Maulana Sahabuddin Razvi’s statement on Surya Namaskar: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, ”मैंने योग का समर्थन किया है, लेकिन सूर्य नमस्कार का विरोध किया है। सूर्य नमस्कार मुसलमान नहीं कर सकता।” मौलाना ने आगे कहा, ”हर औरत और आदमी को योग करना चाहिए। योगी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर बरेली कॉलेज के मैदान में आयोजित योग सत्र में शामिल हुए। मौलाना रजवी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ”जैसे हमारा सूर्य सत्य है, वैसे ही सूर्य नमस्कार भी सत्य है।”
UP Surya Namaskar Virodh: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर देशभर में योगाभ्यास के साथ-साथ सूर्य नमस्कार का भी आयोजन किया गया। हालांकि, बरेली में सूर्य नमस्कार को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने विवादित बयान दिया। उन्होंने शनिवार को कहा कि सूर्य नमस्कार सनातन धर्म, यानी हिंदुओं का तरीका है, जो इस्लाम के हिसाब से हराम है। इस बयान पर उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे छोटी मानसिकता वाली बात बताया।
सूर्य नमस्कार का विरोध क्यों?
बरेली में शनिवार सुबह दरगाह आला हजरत में स्थित ग्रांड मुफ्ती हॉउस में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, ”मैंने योग का समर्थन किया है, लेकिन सूर्य नमस्कार का विरोध किया है। सूर्य नमस्कार मुसलमान नहीं कर सकता।” मौलाना ने आगे कहा, ”हर औरत और आदमी को योग करना चाहिए। मदरसों और मस्जिदों में भी योग होना चाहिए। मगर सूर्य नमस्कार, सूरज को देखकर सूरज को पूजना है। इस्लाम में इन तमाम चीजों की मनाही है। इस्लाम में सूरज को पूजना नाजायज है। इसलिए हमने सभी को सूर्य नमस्कार करने से मना किया है।”
मदरसों में योग को लेकर रजवी का बयान
मौलाना रजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जब मदरसों में योग दिवस मनाने का आदेश दिया, तो कुछ मदरसों ने योग दिवस मनाया, जबकि ज्यादातर मदरसों ने यह कहकर विरोध किया कि योग सनातन धर्म की पहचान है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर शानदार तरीके से योग दिवस मनाएं।
सूर्य नमस्कार भी सत्य है: जेपीएस राठौर
दूसरी ओर, योगी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर बरेली कॉलेज के मैदान में आयोजित योग सत्र में शामिल हुए। मौलाना रजवी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ”जैसे हमारा सूर्य सत्य है, वैसे ही सूर्य नमस्कार भी सत्य है।” उन्होंने मौलाना के बयान को छोटी मानसिकता का प्रतीक बताया।
सूर्य नमस्कार क्या है?
सूर्य नमस्कार भारतीय योग परंपरा का एक अभिन्न अंग है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘सूर्य को प्रणाम’ या ‘सूर्य को नमन’। यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि आध्यात्मिक विकास में सहयोगी योगासन है। यह एक संपूर्ण कसरत है, जो शरीर को लचीला बनाने, मन को शांत करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। हिंदू धर्म में सूर्य को जीवन, ऊर्जा और चेतना का प्रतीक माना जाता है, जो पृथ्वी पर सभी जीवन का स्रोत है।
शारीरिक स्वास्थ्य लाभ
- सूर्य नमस्कार शरीर को लचीला बनाता है और मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- यह रक्त संचार को बेहतर करता है और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और चयापचय को बढ़ाता है।
मानसिक स्वास्थ्य लाभ
- यह मन को शांत करता है और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है।
- यह मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
- यह शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है, जिससे आप दिनभर ऊर्जावान महसूस करते हैं।